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पीले सोने की चमक पडऩे लगी फीकी, किसान बेहाल

locationउज्जैनPublished: Oct 14, 2019 12:59:53 am

Submitted by:

rishi jaiswal

75 प्रतिशत सोयाबीन गीली और दागी आई, अतिवृष्टि ने बिगाड़ी फसल की सेहत, मंडी में औसत ६ हजार बोरी की आवक, किसानों को मिल रहे आधे रेट

पीले सोने की चमक पडऩे लगी फीकी, किसान बेहाल

75 प्रतिशत सोयाबीन गीली और दागी आई, अतिवृष्टि ने बिगाड़ी फसल की सेहत, मंडी में औसत ६ हजार बोरी की आवक, किसानों को मिल रहे आधे रेट

उज्जैन. मंडी में पीले सोने की आवक तो शुरू हो गई लेकिन इस बार इसकी चमक काफी फीकी है। मालवा की शान इस फसल पर इस बार अतिवृष्टि का कहर रहा। इस कारण सोयाबीन की गुणवत्ता खराब हुई। चिमनगंज मंडी में पहुंच रही सोयाबीन में से ७५ प्रतिशत माल गीला व दागी आ रहा है। इस माल की कीमत अच्छी सोयाबीन से आधी मिलने से अन्नदाता में मायूसी है। साथ ही मंडी में दशहरा पर्व के आसपास के हिसाब से आवक भी काफी कमजोर है। पिछले साल इस अवधि में २० से २५ हजार बोरी की रोजाना आवक थी, जो इस बार ५ से ७ हजार है। मंडी से जुड़े जानकारों की मानें तो मंडी के लिहाज से ये दीपावली सीजन कमजोर ही रहेगा।
फसल पकने के बाद भी जारी रही बारिश ने इस बार सोयाबीन फसल की सेहत बिगाड़ कर रख दी। बड़े जतन से किसानों ने सायोबीन फसल बोई थी और मध्य अवधि में स्थिति अच्छी भी थी, सितंबर तक जारी बारिश ने स्थिति खराब कर दी।
पकी फसल पर पानी गिरने से फली में नमी व कीड़े लग गए। मजबूरी में किसानों ने यहीं फसल काटी और सुखाने का प्रयास किया। लेकिन अत्यधिक नमी होने से माल सूख भी नहीं पा रहा और दागी होने से रेट भी नहीं मिल रहे। मंडी व्यापारी राजेंद्र राठौर के अनुसार अभी जो माल आ रहा है, उसमें अधिकांश गीला-दागी होने से रेट कम मिल रहे हैं, जो माल साफ व अच्छी क्वालिटी का है उसके रेट ३५०० रुपए क्विंटल से अधिक है।
….इधर मौसम साफ, कटाई काम में मिली राहत
कुछ दिनों से जिलेभर में मौसम साफ हुआ है। इससे खेत भी सूखे और फसल कटाई कार्य में किसानों को राहत मिली। धूप खिलने से फली मंे शुष्कपन भी आ रहा है, लेकिन जहां दाग लग गए वहां फसल खराब ही निकल रही है। किसान नेता भारतसिंह बैस के अनुसार अतिवृष्टि के कारण इस बार फसलों को खासा नुकसान हुआ। अब कहीं मौसम खुला है, लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं। जो लोग कटाई नहीं कर पा रहे थे, वे मशीनों के जरिए यह काम करवा रहे हैं। उपज खराब होने से उन्हें आधे ही रेट मिल पाएंगे। जिनमें काफी घाटा जाएगा।
लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान
१९०० से २१०० रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है।
१ बीघा में ३ से ३.५० क्विंटल औसत उत्पादन हुआ है।
फसल खराब होने से किसानों की फसल लागत तक नहीं निकल रही।
अच्छी सोयाबीन पर भी मंदी का दौर
अच्छी सोयाबीन के रेट की धारणा 4000 रुपए क्विंटल तक की है।
फिलहाल रेट 3500 से 3700 रुपए क्विंटल ही है।
प्लांट स्तर से ही रेट कम होने से नीचे व्यापारी ऊंचे रेट नहीं दे रहे।
एेसी स्थिति में संपन्न किसान अपनी उपज अभी नहीं बेच रहे।
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