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इ-बस की सुविधाएं जानना जरूरी… सीसीटीवी कैमरे व चार्जिंग पाइंट सहित हैं अन्य सुविधाएं

locationउज्जैनPublished: Dec 14, 2019 12:39:41 pm

Submitted by:

Mukesh Malavat

दूसरे दिन नहीं हो पाया इ-बस का ट्रायल, उज्जैन को छोटी-बड़ी कुल 50 इ-बसों की मंजूरी मिली है

You need to know ... There are many arrangements for safety and conven

दूसरे दिन नहीं हो पाया इ-बस का ट्रायल, उज्जैन को छोटी-बड़ी कुल 50 इ-बसों की मंजूरी मिली है

उज्जैन. अंतरशहरी के साथ शहर के अंदर चलने वाली इ-बस पूरी तरह से वातानुकूलित और लग्जरी सुविधा से लैस है। विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसके अंदर दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं वहीं एक कैमरा बस के बाहर पीछे लगा है। इसके अलावा बुजुर्ग व दिव्यांगों के बस में चढऩे-उतरने के लिए अलग से रैंप भी है। इतना ही नहीं यात्री सुरक्षा और सुविधा के लिए भी कई इंतजाम हैं।
पर्यावरण संरक्षण और न्यूनतम संधारण के लिए नगर निगम शहर व अंतरशहरी इ-बस सेवा शुरू करने वाला है। भारत सरकार भारी उद्योग मंत्रालय की योजना में उज्जैन को छोटी-बड़ी कुल 50 इ-बसों की मंजूरी मिली है। निगम ने कुछ सप्ताह पूर्व टेंडर जारी किया था जिसमें तेलंगाना की इवे ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की निविदा प्राप्त हुई है। कंपनी द्वारा 12 मीटर की एक इ-बस प्रदर्शन के लिए शहर भेजी गई है। बताया जा रहा है कि उक्त बस की कीमत दो करोड़ रुपए से अधिक है। हालांकि योजना में केंद्र सरकार द्वारा बस की लागत पर45 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। शुक्रवार को बस का ट्रायल होना था लेकिन अपरिहार्य कारणों से ऐसा नहीं हो सका। अब शनिवार को ट्रायल होने की संभावना है। बता दें कि उक्त बस बतौर प्रदर्शन भेजी गई है, अभी टेंडर पास नहीं हुआ है।
आइटीएस- डैशबोर्ड के पास आइटीएस लगा है। इस पर सभी कैमरों का व्यू, जीपीएस, बस की ट्रैकिंग आदि सुविधा। इसी से अनाउंस करने के लिए माइक लगा है।
पुशबैक सीट- बस में आरामदायक पुशबैक सीट है। प्रत्येक सीट पर बेल्ट लगा है।
हथौड़ी- वातानुकूलित बस में खुलने वाली खिड़कियां नहीं है। आपाताकालीन स्थिति में खिड़की का कांच तोडऩे के लिए जगह-जगह हथौड़ी लगी हैं।
स्टॉप बटन- चालक की सीट के पीछे पोल पर स्टॉप बटन लगा है। जिस यात्री को अगले स्टॉप पर रुकना है, उसे चालक-परिचालक से कहने की जरूरत नहीं, वह बटन दबा सकता है।
चार्जिंग पाइंट- प्रत्येक सीट के पास दो यूसीबी सॉकेट वाला चार्जिंग पाइंट लगा है। इसके जरिए यात्री मोबाइल चार्ज कर सकते हैं।
अलार्म- चालक सीट के पीछे पोल पर अलार्म लाइट लगी है। किसी प्रकार की दुर्घटना या आवश्यक स्थिति में चालक अलार्म बटन दबाता है तो यात्रियों को सतर्क होने की सूचना मिल जाती है।
कैमरा- बस के अंदर आगे व पीछे दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिससे पूरी बस कवर होती है। इसके अलावा एक कैमरा बस के बाहर पीछे की साइड लगा है जिससे चालक को बस के बाहर पीछे का व्यू भी नजर आता है।
दो आकार में लेंगे बस
निगम दो आकर की इ-बस लेगा। प्रारंभिक योजनानुसार नौ मीटर लंबाई की बस शहर के अंदर व 12 मीटर लंबी बस शहरों के बीच चलाई जाएगी।
ऐसी है इ-बस
इंजन- बस में इंजन नहीं है। यह बैटरी चलित हैं।
ऑटोमेटिक- बस में गेर नहीं है। यह पूरी तरह आटोमैटिक है। सिर्फ एक्सीलेटर व ब्रेक हैं।
सीट- 12 मीटर बस में 37 व 9 मीटर में 31
चार्जिंग टाइम- चार-पांच घंटे
फुल चार्जिंग पर चलेगी- बड़ी बस 225 किलोमीटर तक, छोटी 180 से 200 किलोमीटर तक।
स्पीड- बस में स्पीड कंट्रोलर लगा होता है। इससे बस 70-75 किलोमीटर प्रति घंटे की से अधिक तेज नहीं चल सकेगी।

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