लक्षिका ने बताया कि गांव में कई मूलभूत सुविधाओं तक की कमी है। कहीं सडक़ें खराब हैं, तो कहीं नालियों से इनका लेवल नहीं है। स्ट्रीट लाइन, पेयजल, स्वच्छता की समस्या रहती है। आए दिन ऐसी समस्याओं से रूबरू होते हुए मन में यही हमेशा इनके निराकरण विचार आता था। जब वार्ड महिला आरक्षित हुआ तो गांव के लिए कुछ करने का एक रास्ता भी नजर आ गया।
शहरी सीमा से लगे चिंतामण-जवासिया की ग्राम पंचायत एससी महिला आरक्षित है। चुनाव में लक्षिका सहित सात प्रत्याशी मैदान में थे। जीत की उम्मीद के साथ लक्षिका चुनाव के मैदान में उतरी तो ग्रामीणों ने भी शिक्षित व युवा प्रत्याशी को प्राथमिकता दी। लक्षिका करीब 500 मतों से आगे रही हैं।
वर्तमान में लक्षिका की कोई सक्रिय राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। उनके पिता दिलीप डागर बैंककर्मी हैं, वहीं मां ज्योति डागर गृहिणी हैं। लक्षिका से पूर्व उनके परिवार में परदादा मोहन डागर पहले सरपंच बने थे।
चुनाव में दिखा था उत्साह
इससे पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में उज्जैन और बडनगऱ जनपद में शनिवार को हुए मतदान में लोगों का उत्साह देखने को मिला। मतदान केंद्रों पर सुबह से लंबी-लंबी कतारें लगी थी। दोपहर 3 बजे तक हुए मतदान में उज्जैन जनपद में 73.54 तो बडनगऱ में 76 फीसदी मतदान हुआ। वोटिंग करने में पुरुषों से आगे महिलाएं रहीं। हालांकि मतदान केंद्रों पर ज्यादा संख्या में लोगों के पहुंचने पर टोकन देकर शाम 5 बजे तक मतदान होता रहा। मतदान के दौरान दोनों जनपदों में किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई।
जिले में आठ साल बाद हुए पंचायत चुनाव के चलते ग्रामीण मतदाताओं में वोट डालने को लेकर ज्यादा उत्साह रहा। सुबह 7 बजे शुरू हुए मतदान के लिए केंद्रों पर सुबह 6 बजे से लोग पहुंच गए थे। मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए लाइनें लगी थीं। दो घंटे के मतदान में बडनगऱ में 16.23 तथा उज्जैन में 17.46 फीसदी मतदान हुआ। इसके बाद मतदान केंद्रों पर वोटर्स की संख्या लगतार बढ़ती रही।
दोपहर 1 बजे तक बडनगऱ में 54.87 तथा उज्जैन में 59.86 फीसदी मतदान हो चुका था। दोपहर 3 बजे खत्म हुए मतदान के बाद वोट डालने का प्रतिशत बडनगऱ में 76 तो उज्जैन में 73.54 फीसदी पहुंच गया। बडनगऱ जनपद में पुरुषों ने 74.69 तथा महिला ने 77.35 फीसदी वोट डाले। उज्जैन में पुरुषों ने 72.72 तथा महिला ने 74.40 फीसदी मतदान किया।