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अब तक नहीं बनी 22 किमी लंबी सड़क

locationउमरियाPublished: Sep 15, 2018 05:36:33 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

आवागमन में हो रही परेशानी

22 km long road not built yet

अब तक नहीं बनी 22 किमी लंबी सड़क

उमरिया. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से शहडोल को सीधे जोडऩे तथा मानपुर व आसपास के समीपी गांवों की आवाजाही को सुलभ करने के लिए मप्र सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जा रही लगभग 60 किलोमीटर लंबी सड़क अपनी निर्धारित समयावधि में शीघ्र ही पूर्ण हो सकेगी। मानपुर से शहडोल तक बनाई जा रही 80 करोड़ रुपए के लागत की इस सड़क का कार्य जुलाई 2017 में शुरू हुआ और जुलाई 18 में समाप्त होना है। इसके लिए फारेस्ट के अंदर एक हिस्से में निर्माण के लिए इसे अनुमति मिल चुकी है। बीटीआर के एक अन्य हिस्से में कार्य की अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए सड़क प्राधिकरण ने प्रस्ताव दिया है। इन दोनो हिस्सों में अभी सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है। जबकि इस सड़क में 5 बड़े पुल तथा लगभग 7 छोटे पुलों का जीर्णोद्धार व सुधार कार्य होना है। ग्रामीण इस सड़क के पूर्ण होने तथा आवाजाही शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बताया गया कि जहां भी बड़े पुल बनने हैं वहां भी पुल बनने में समय लगेगा और इसके लिए भी एनओसी की प्रक्रिया करनी पड़ेगी।
सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुए 9 माह का समय बीत चुका है और इस अवधि में अभी तक कुल 22 किमी सड़क का निर्माण हो सका है। सड़क कोनी से बिजौरी तथा मानपुर, कठार के आसपास उस हिस्से में निर्मित कराई गई है जहां वन विभाग का अड़ंगा नहीं है। यहां भी निर्माण की गति कुछ मंथर ही रही है। औसतन एक माह में 5 किमी लंबी सड़क बनाई जानी चाहिए जबकि यहां एक माह में मात्र ढाई किमी लंबी सड़क बन पाई। इसके लिए श्रमिकों व मटेरियल की कमी का होना कारण माना जा रहा है।
बताया गया कि सड़क का लगभग 6 किमी का हिस्सा सामान्य वन से होकर गुजरता है। एक माह पूर्व यहां वन विभाग ने सड़क निर्माण हेतु सड़क प्राधिकरण को एनओसी जारी कर दी है। इस हिस्से में निर्माण कार्य के लिए अब तैयारी भी की जा रही है। लेकिन करीब 15 किमी लंबा हिस्सा ऐसा है जो बीटीआर से होकर गुजरता है। यहां सड़क की 6 मीटर चौड़ाई के लिए तो बीटीआर कार्यालय द्वारा अनुमति दे दी गई है लेकिन सड़क निर्माता यहां साढ़े 7 मीटर चौड़ाई की अनुमति चाह रहे हैं। उनका कहना है कि कांक्रीट रोड बनाई जानी है। साढ़े 5 मीटर चौड़ी सड़क व 1-1 मीटर दोनो ओर पटरी चाहिए। इसके अलावा जब सड़क निर्माण शुरू होगा तो वाहनों के निकलने के लिए जगह चाहिए। अन्यथा वहां की आवाजाही ही रुक जाएगी। इसके लिए चर्चा की गई है और जल्दी ही अनुमति मिलने की संभावना भी है। निर्माण एजेंसी को तीन माह में 38 किमी लंबी सड़क का निर्माण करना है जो कि पूर्ण होना संभव नहीं लगता। इसके लिए ठेकेदार को एक्सटेंशन लेना पड़ सकता है।
वर्तमान में नेशनल पार्क पहुंचने के लिए शहडोल से सीधी मार्ग नहंी है। पहले उमरिया आना पड़ता है फिर वहां से 32 किमी दूर बांधवगढ़ ताला के लिए जाना पड़ता है। बांधवगढ़ के लिए 90 किमी की दौड़ लगानी पड़ती है। इसके अलावा दूसरा रास्ता शहडोल रीवा मार्ग पर टेटका मोड़ से है। लेकिन इस सड़क के बन जाने से बांधवगढ़ पहुंचने का सीधा और नजदीकी मार्ग मिल सकेगा। लगभग 30 किमी की दूरी कम हो जाएगी।
इस मार्ग पर मुडऩा नदी सहित करीब 5 नदियों व नालेां के पुल ऐसे हैं जो अत्यधित वर्षा होने पर डूब जाते हैं। इन पर लोक निर्माण ब्रिज द्वारा उच्च क्षमता के पुल बनाए जांएगे। इससे इन पुलों की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। यह पुल रखरखाव बिना जर्जर भी होते जा रहे हैं। इनका नवनिर्माण जरूरी प्रतीत होता है। इसके अलावा स्वंय एमपीआरडीसी द्वारा लगभग आधा दर्जन छोटे पुलों की चौड़ाई आदि बढ़ाकर उनका रखरखाव किया जाएगा। कई पुल वर्षों पुराने और जर्जर हैं। इनकी रेलिंग तक टूटी हुई है। इससे पुलों का आवागमन सुरक्षित हो सकेगा।
इनका कहना है
सड़क जल्दी से जल्दी पूर्ण हो इसके लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। एनओसी के लिए बीटीआर को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है और लगातार चर्चाए भी की जा रहीं हैं।
एनके बरवे, जिला प्रबंधक एमपीआरडीसी।

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