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पारा 45 के पार, झुलसा रहे गर्म हवाओं के थपेड़े

locationउमरियाPublished: Apr 30, 2019 10:21:13 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

लोगों को बेहाल कर रही सूरज की तपन

Across the mercury 45, thwarting hot winds

पारा 45 के पार, झुलसा रहे गर्म हवाओं के थपेड़े

उमरिया. सूरज की तपन ने लोगो को बेहाल करना शुरु कर दिया है। आलम यह है कि सुबह से ही गर्म हवाओ के थपेड़े लोगो को झुलसाने लगे हैं। गर्म हवाओ की वजह से दिन में लोगों का घरो से निकलना दूभर हो रहा है। आलम यह है कि सुबह 10 बजे के बाद से ही सड़को में आपा-धापी कम होने लगती है और दोपहर होते-होते सड़कें सूनी हो जाती है। पिछले दो दिनो से पारे में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। सोमवार का दिन सबसे ज्यादा गर्म दिनो के रूप में रिकार्ड किया गया। सुबह से ही गर्म हवाओं का रूख बना रहा। जो दोपहर होते होते तक तापमान को 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया। जबकि विगत दिनों अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक पहुंच चुका था। ऐसे में गर्मी से बचाव के सारे संसाधन दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। कूलर पंखे जहां ठंडक नहीं पहुंचा पा रहे हैं वहीं गर्म हवाओं से बचने के उपाय भी फीके पड़ गए हैं। बढते तापमान को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने के लिए कहा है। खासकर शिशुओं, बच्चों और वृद्धों को गर्मी के मौसम के दौरान लू से बचाने की जरुरत है। एडवाईजरी में लू से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों और किए जाने वाले उपायो को रेखांकित किया गया है। जारी एडवाईजरी में शिशुओं को लू से बचाने के लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाने तथा उन्हें गर्मी की वजह से होने वाली बीमारियों के प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी रखने की सलाह अभिभावकों को दी गई है। यदि शिशु की पेशाब का रंग गहरा है तो यह उसके डिहाईड्रेशन (पानी की कमी) का शिकार होने का संकेत है। शिशुओं को बिना देख-रेख खड़ी गाड़ी में छोड़कर नहीं जाना चाहिए क्योंकि गर्मी के मौसम में वाहन जल्दी गर्म होकर खतरनाक तापमान पैदा कर सकता है। इसी प्रकार बच्चों को तेज लू से बचाने के लिए यह जरूरी है कि उनके साथ हमेशा पानी की बोतल रखी जाए और वे नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी या ताजे फलों के रस का नियमित रूप से सेवन करें। बच्चों को हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनाए जाएं। बच्चे अ पना सिर ढंककर रखें। इसके लिए कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग किया जाए। अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गर्मी के मौसम में बच्चे जंक फूड का सेवन न करें बल्कि ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना ही खाएं। खास तौर पर इस मौसम में बच्चों को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सीधी धूप में खेलने की इजाजत न दी जाए और शाम के समय ही खेलने भेजा जाए। अभिभावकों को आगाह किया गया है कि यदि बच्चे को चक्कर आएं, उल्टी, घबराहट या तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो रही हो तो उसे फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल की जरूरत पर जोर देते हुए एडवाईजरी में कहा गया है कि तेज गर्मी के दौरान यदि वृद्धजन अकेले हों तो दिन में कम से कम दो बार उनकी जांच की जानी चाहिए। यदि वे गर्मी से बेचैनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठण्डक देने की कोशिश की जाए। उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें। उनके शरीर को ठण्डक देने के साथ-साथ डॉक्टर या एम्बुलेंस बुलाएं। वृद्धो को हमेशा अपने पास पानी की बोतल रखने की समझाईश भी दी जाए।

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