उमरियाPublished: May 21, 2019 10:47:04 pm
ayazuddin siddiqui
अधिकारी कर रहे अनदेखी
कैप के भरोसे रखी है दो लाख क्विंटल धान
उमरिया. धान खरीदी के बाद लगभग दो लाख क्विटल धान खुले कैप मे रखी हुई है। धान खरीदी हुए तीन माह से अधिक समय बीत चुका है। यह धान आज भी कैप मे रखी हुई है। चार माह बरसात के अगर और रखी रह गई तो धान खराब हो जाएगी। जानकारो की माने तो गेहूं की अपेक्षा धान में नमी को शोषित करने की क्षमता कम होती है जिसके चलते एक बार गेहूं को तो कैप मे रखा जा सकता है लेकिन धान को नही। एम पी सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन की लापरवाही के चलते धान की मीलिंग न होने से यह पूरी समस्यां खड़ी हो गई है। अगर समय पर पूरी धान की मीलिंग हो जाती तो चावल सुरक्षित जगह गोदाम में रखा जा सकता था। एक लाख 80 हजार क्विटल धान मानपुर के कैपो में पड़ी हुई है। 18 हजार क्विटल धान मीलरो के पास रखी हुई है। लगभग 15 से 20 हजार क्विटल धान सगरा कैप में रखी है। यह धान खरीदी के बाद से आज तक रखी हुई है। जबकि क ुल खरीदी धान का महज 55 प्रतिशत ही मीलिंग हो पाई है। बाकी 45 प्रतिशत धान कैपो में रखी हुई है। जिसकी कीमत लगभग 40 करोड रूपये बताई जा रही है। जानकारो का तो यह भी कहना है कि बरसात के बाद यह धान किसी काम की नही रह जाएगी। किसी भी कीमत में इसकी मीलिंग नही हो सकती। ऐसे में प्रशासन इस धान का क्या करेगी। लापरवाही के चलते शासन को लगभग 40 करोड रूपये का फटका जरूर लग जाएगा। समय रहते अगर इस धान की मीलिंग कराकर गोदाम में चावल को सुरक्षित नही रखा गया तो इस समस्यां का कोई और समाधान नही है। हालंाकि भरौला गोदाम पूरी तरीके से भरा हुआ है लेकिन ठीक उसी के बगल में दो बडे प्रायवेट गोदाम बनवाये गये है। जहां पर गेहूं का भण्डारण किया जा रहा है। हालांकि जो दो गोदाम भरौला मे बने हुए है वह भी आधे अधूरे बनकर तैयार है जिसमें गेहूं रखा जा रहा है जिसके चलते गोदाम में रखे जा रहे गेहूं को भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है।
इनका कहना है
मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है। मामले में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं इसके बाद मै दिखवाता हुं।
स्वरोचिश सोमवंशी, कलेक्टर, उमरिया
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गेहूं की अपेक्षा धान में नमी शोषित करने की क्षमता कम होती है। मीलिंग न होने के चलते कैपो में धान रखी हुई है। बरसात के बाद यह धान मीलिंग योग्य नहीं रहेगी। जिसके चलते शासन को नुक्शान हो सकता है।
टी के सोनी, प्रबंधक, गोदाम।