उमरियाPublished: Jul 30, 2023 04:09:54 pm
ayazuddin siddiqui
बाबा हुजूर की सवारी के साथ निकले ताजिया जुलूस, कर्बला में हुई ठंडी
उमरिया. मोहर्रम का पर्व जिले सहित, मानपुर, चंदिया, पाली, नौरोजाबाद में भाईचारे एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर इमामबाड़ा उमरिया बाबा हुजूर की तशरीफ आमद हुई। बाबा हुजूर की सवारी मुरादगाह स्थल पहुंची जहां मुरादियों को बाबा हुजूर के द्वारा मुराद बांटी गई। इसके बाद जामा मस्जिद में बाबा हुजूर ने जियारत की।
बाबा हुजूर के चाहने वालों ने उमरिया वाले बाबा हुजूर का दीदार कर मन ही मन अपनी एवं अपने परिवार के लिये खैर मकदम की दुआएं मांगी। जगह-जगह अपनी नजरे इनायत करते हुए बाबा हुजूर जामा मस्जिद से होते हुए गांधी चौक पहुंचे जहां पर बड़ी संख्या में जायरीनों ने बाबा हुजूर का दीदार किया।
बाबा हुजूर खलेसर से होते हुए स्थानीय कर्बला घाट पहुंचे यहां बाबा हुजूर की सवारी ठण्डी हुई। उनके साथ साथ चल रहे अकीदतमंद जन सैलाब के हक में बाबा हुजूर ने खैर मकदम की दुआएं की। बाबा हुजूर ने अपनी तकरीर से लोगों को खुदा की इबादत कर सबसे पहले नेक इंसान बनो एवं नफरत करने वालों को ताकीद किया। बाबा हुजूर की सवारी में बड़ी संख्या में जायरीन साथ में चल रहे थे। स्थानीय गांधी चौक में बाबा हुजूर की सवारी के दौरान लोग स्थानीय दुकानों की छतो, मार्ग पर खड़े थे, जो बाबा हुजूर की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई दिए। इस दौरान जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के द्वारा समुचित व्यवस्था के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
ताजियों का किया गया कर्बला घाट में विसर्जन
मोहर्रम पर्व के अवसर पर जिले में विभिन्न प्रमुख स्थानों पर ताजिया रखी गई थी जो बाबा हुजूर की सवारी के साथ साथ निकाली गई, जो बाबा हुजूर की सवारी के साथ चल रही थी। ताजिया विभिन्न मार्गो से होते हुए स्थानीय कर्बला घाट पहुंचे। मोहर्रम के दसवें दिन भी स्थानीय इमामबाड़े में शेरो ने हाजिरी लगाई। इसके बाद गली गली जाकर उन्होनें शेर डांस किया तथा बाबा हुजूर की सवारी उठने के पहले शेर ठण्डें हो गए।
सोमवार को तिजमा
मोहर्रम के बाद तिजमा का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। इस अवसर पर स्थानीय कर्बला घाट में मेले का आयोजन किया जाएगा। जहां बाबा हुजूर गाजे बाजे के साथ खलेसर होते हुए कर्बला घाट पहुंचेगे एवं कार्यक्रम के बाद कैंप होते हुए पुन: इमामबाड़ा पहुंचेगे।
बाहर से आएंगे जायरीन
मोहर्रम के इस पर्व में मुस्लिम भाईयों के साथ साथ हिंदू धर्मावलंबियों के लोग भी शामिल होते है। इसके साथ ही दूसरे जिलों से भी कई जायरीन मोहर्रम का पर्व देखने उमरिया पहुंचते है और बाबा हुजूर की सवारी में शामिल होते है।