एक लाइनमैन के भरोसे 200 गांवों की बिजली
उमरियाPublished: Jun 24, 2018 05:26:12 pm
एक फाल्ट के सुधार में लग जाता है हफ्तों का समय
Electricity of 200 land villages dependent on a lineman
उमरिया/करकेली. 17 हजार विद्युत उपभोक्ताओं वाले करकेली जनपद अंतर्गत स्थित दो सौ गांवों की विद्युत आपूर्ति आज भी लचर बनी हुई है। जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। घंटो बिजली गुल रहना, हफ्तों में फाल्ट सुधारा जाना, घरों की बिजली में सुधार नहीं होना यहां के लिए आम बात है। इसका एक बड़ा और मुख्य कारण विद्युत मण्डल कार्यालय में संसाधनों की कमी का होना माना जाता है। करकेली क्षेत्र में करकेली व घुलघुली दो सब स्टेशनों से आठ फीडरों के माध्यम से बिजली की सप्लाई दी जाती है। रख-रखाव के लिए मात्र एक लाइन मैन और छह हेल्पर यहां कार्यरत हैं। विद्युत मण्डल ने न तो कार्यालय में संसाधन बढ़ाए और आपूर्ति की स्थिति में सुधार लाकर उपभोक्ताओं की कठिनाइयां दूर की। वर्षों से जो स्थिति चल रही है वही आज भी बरकरार है। यद्यपि इस संबंध में दर्जनों बार ग्रामीणों ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से शिकायत की पर सुधार आज तक नहीं हुआ। बताया गया कि यहां कुल आठ फीडर हैं। आवश्यकता और प्रावधान के अनुसार यहां प्रत्येक फीडर में एक लाइनमैन और चार हेल्पर चाहिए। इसके विरुद्ध यहां मात्र एक लाइनमैन ही पदस्थ है। जबकि सात लाइन मैनों की कमी है। एक लाइनमैन पूरे दो सौ गांवों की बिजली सुधारने में कितनी तत्परता और मुश्तैदी से कार्य कर सकता है। यह सहज ही अनुमानित है। दूर दराज जंगली क्षेत्रों की लाइन सुधारने वह जब तक पहुंचता है, तब तक दूसरी जगह भी लाइन फाल्ट हो जाता है। उसे सूचना भी तत्काल नहीं मिल पाती है। उसे लाइन सुधारने वाले उपकरण भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते हैं। खंभों में चढऩे के लिए रस्सा, जूते, प्लास और ग्लब्स आदि भी पर्याप्त नहंी हैं। इनकी आपूर्ति नहंी की जा रही है।
लाइन सुधारने के लिए यहां चार पहिया वाहन भी लाइन मैन को उपलब्ध नहीं रहता कि वह शीघ्रता से स्थल तक पहुंच कर लाइन सुधार सके। केवल एक जीप है वह जेई के पास रहती है। लाइन मैन को बाइक से आना-जाना पड़ता है। पहाड़ी जंगली रास्तों में हेल्परों के साथ बाइक से कैसे जा सकते हैं। हेल्पर पीछे पीछे सायकिल से आते हैं। इस स्थिति में सुधार कार्य में विलंब होता है। यहां एक जीप वाहन और लिफ्ट स्काई वाहन की वर्षों से मांग की जा रही है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दूर दराज लंबी दूरी से खींची गई सर्विस लाइनों में अक्सर फाल्ट होता है। इस कारण गांवों की बिजली बंद रहती है।
फाल्ट सुधारने होती है लेट-लतीफी
यदि किसी के घर की बिजली बंद हो जाए या उसमें कोई फाल्ट आ जाए तो शिकायत के बावजूद महीनों बिजली नहीं सुधारी जाती है। वर्तमान में यहां डेढ़ सौ शिकायतें पड़ी हैं। जहां सुधार कराना है। बड़े गांव निवासी लखन बैगा तथा बोडऱी निवासी चमरू कोल के घर की बिजली पिछले डेढ़ माह से बंद है। ग्रामीण गर्मी के इस मौसम में बिजली आफिस के चक्कर काट रहे हैं।
फैसिंग टूटी, दुर्घटना की आशंका
सब स्टेशन में सुरक्षा के लिए वर्षों पूर्व कटीले तारों की फैंसिंग कराई गई थी कि जिससे कोई अंदर न आ सके। लेकिन वर्षों से तार टूटे हुए हैं और यहां घेराबंदी नहीं है। यहां कभी भी जानवर व कोई भी अंदर घुस सकता है। जहां करेंट लगने और विद्युत दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा यहां उपभोक्ताओं की सुविधा के छाया व पानी की भी व्यवस्था नहीं रहती है।
इनका कहना है
विद्युत मण्डल में स्टाफ की आपूर्ति के लिए शासन को लिखा गया है। संसाधनों की मांग निरंतर की जाती है, लेकिन अभी कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है।
एसएस बघेल, कार्यपालन यंत्री, विद्युत मंडल, उमरिया।