उमरियाPublished: Nov 16, 2021 05:44:15 pm
ayazuddin siddiqui
जयंती पर कांग्रेस ने दी महान शहीद को श्रद्धांजली
Every particle of the country is indebted to Birsa Munda
उमरिया. शहीद बिरसा मुण्डा ने अपने प्राणों की आहूति देकर आजादी का मार्ग प्रशस्त किया। देश का कण-कण ऐसे वीर सपूतों का ऋणी है, जिन्होंने अपना सारा जीवन भारता माता को समर्पित कर दिया। यह बात कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने जिला कांग्रेस तथा पार्टी के आदिवासी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित बिरसा मुण्डा जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश शर्मा, महामंत्री ठाकुरदास सचदेव, प्रवक्ता अशोक गौंटिया, ब्लाक अध्यक्ष अमृतलाल यादव, सेवादल के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजेन्द्र सिंह, आदिवासी कांग्रेस की जिलाध्यक्ष शकुंतला धुर्वे, ्रसावित्री सिंह, मेघा सिंह, गीता सिंह, गीता प्रजापति, प्रांजली सिंह, मयंक सिंह, सुखराज सिंह, रघुनाथ सोनी, गौरीशंकर प्रजापति, सतवंत सिंह, मो. आजाद, ओमप्रकाश सोनी, पीएन राव, राजीव सिंह, शिशुपाल यादव, देवबहादुर सिंह, प्रहलाद यादव, युकां यूथ ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष संदीप यादव, श्रीनिवास द्विवेदी, खुर्रम शहजादा, नासिर अंसारी, लालभवानी सिंह, ऋषि रिछारिया, धनीलाल राठौर, लल्ला चौधरी, नानकराम राजपूत, शिव शर्मा, लक्ष्मी गुप्ता सहित कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
आंदोलन के दौरान काटी सजा
उन्होंने कहा कि बिरसा मुण्डा ने 1 अक्टूबर 1894 को नौजवान नेता के रूप मे अंग्रेजों की लगान के खिलाफ आंदोलन किया। इसे लेकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और हजारीबाग केन्द्रीय कारागार में दो साल के कारावास की सजा हुई। लेकिन बिरसा और उसके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीडि़त जनता की सहायता करने की ठान रखी थी। अपने कड़े संघर्ष के कारण वे फिरंगियों के आखों की किरकिरी बन गए। 3 फरवरी 1900 को उन्हे चक्रधरपुर के जमकोपाई जंगल से फिर गिरफ्तार किया गया। देश के इस महान सपूत ने रांची जेल में अपने प्राण त्याग दिए।
युवाओं ने किया प्रतिमा में माल्यार्पण
युवाओं के द्वारा जनजाति गौरव दिवस भगवान बिरसा मुंडा की जयंती उनकी प्रतिमा को माला पहनाकर नारे लगाते हुए उन्हें याद किया गया। युवा हिमांशु तिवारी ने बताया कि बिरसा मुंडा को उनके जीवन संघर्ष के लिए भगवान का दर्जा प्राप्त है। मुंडा विद्रोह के नेतृत्वकर्ता बिरसा मुंडा का जन्म नवंबर 1870 में हुआ था। हिमांशु तिवारी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को मनाई जाती है। उन्होंने अपनी प्रकृति, जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। हम सभी बिरसा मुंडा को नमन करते है।