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विशेषज्ञों ने कहा सड़कों की डस्ट से बढ़ रहा वायु प्रदूषण

locationउमरियाPublished: May 24, 2019 10:43:24 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

पर्यावरण प्रदूषण विभाग की जांच में खुलासा

Experts say rising air pollution from the dust of the roads

विशेषज्ञों ने कहा सड़कों की डस्ट से बढ़ रहा वायु प्रदूषण

उमरिया. जिला मुख्यालय में वायु प्रदूषण कारी उद्योग न होने के बावजूद भी विशेषज्ञों ने यहां कि वायू को प्रदूषित माना है। नगर वासियों के लिए यह चिंता का विषय है। इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो निकट भविष्य में विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। जानकारों की माने तो नगर में नियमित साफ-सफाई की कमी के कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया है। जिसमें यदि नियंत्रित नहीं किया गया तो यह आगे चिंताजनक स्थिति तक पहुंच सकता है। इससे लोगों को श्वांस की तकलीफें बढ़ेंगी। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 21 मार्च को यहां वायु प्रदूषण की जांच की गई थी। जिसमें यहां की वायु में सूक्ष्म धूल कण 101 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाए गए थे। जबकि मानक अनुसार अधिकतम 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए। यह स्थिति यहां साफ-सफाई की कमी के कारण निर्मित हो रही है। इस स्थिति की सूचना नगरपालिका को दिए जाने के बावजूद कोई असर नहीं हुआ और उसकी कार्यशैली में कोई परिवर्तन नहीं आया है। नपा कर्मचारियों का कहना है कि नगर में 3 जोन बनाकर 100 कर्मचारियों के माध्यम से सफाई कार्य संचालित किया जा रहा है। लेकिन नगर में कहीं भी सफाई नजर नहीं आ रही है। सड़कों के किनारे तथा बस्तियों में धूल व कचरे का ढेर लगे दिखाई पड़ते हैं। यही गंदगी यहां प्रदूषण बढ़ा रहा है। वायु प्रदूषण नगर वासियों के स्वास्थ के लिए घातक साबित हो सकता है। जिसे लेकर नगर पालिका को सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की आवश्यक्ता है।
रोड स्वीपिंग मशीन व पानी की सुविधा नहीं
बताया गया कि सड़कों की सफाई और धूल कण हटाने के लिए नगरपालिक के पास अभी तक रोड स्वीपिंग मशीन भी उपलब्ध नहीं है। जिससे सड़कों से अच्छी तरह धूल के कण साफ किए जा सकें। इसके अलावा सड़कों पर सफाई अभियान चलाने के बाद पानी का छिड़काव भी कराना चाहिए लेकिन नगरपालिका के पास पानी की उपलब्धता भी नहंी है। उसके टैंकर कुछ बंगलों व डिवाइडरों की बागवानी तो सींचते हैं लेकिन शेष कार्य के लिए उनके पास न तो समय है और न पानी की व्यवस्था। बताया जाता है कि गर्मी के मौसम में पानी की कमी पड़ जाती है और बस्तियों में जहां पानी की किल्लत है वहां भी टैंकर नहीं भेजे जाते हैं। नगर पालिका इन व्यवस्थाओं को लेकर उदासीनता बरत रही है।
इनका कहना है
सड़कों से डस्ट की नियमित सफाई जरूरी है। उमरिया में वायु प्रदूषणकारी कोई उद्योग नहीं है फिर भी प्रदूषण बढ़ रहा है। इस पर अभी से गंभीरता बरती जानी चाहिए।
एसपी झा, कार्यपालन यंत्री, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल।
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नगर पालिका के सफाई कर्मी सड़को में झाड़ू लगाते हैं। मशीनो की सुविधा अभी यहां नहीं है। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
हमेश्वरी पटेल, सीएमओ, नगर पालिका उमरिया।

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