मुख्यमंत्री चौहान को गांववासियों ने बताया कि वर्ष 1999-2000 में वहां के पटवारी ने आदिवासी 21 भाइयों से पैसे लेकर उनके फर्जी पट्टे बना दिए और भूमि रिकार्ड में दर्ज नहीं की। इस मामले में पटवारी जेल भी हो आया है। मुख्यमंत्री चौहान ने मामले की विस्तृत जाँच करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री चौहान को बताया गया कि गांव में लगभग 75 ऐसे आदिवासी हैं जो कि लंबे समय से शासकीय भूमि पर काबिज़ हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि इस संबंध में एस.डी.एम. एवं तहसीलदार आवश्यक वैधानिक कार्रवाई कर सभी पात्र आदिवासियों को भूमि के पट्टे दिलवाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम में सोमवार को शासकीय शिविर लगाया जाए, जिसमें एक-एक आदिवासी की समस्या सुनी जाए व उसका निराकरण किया जाए। मध्यप्रदेश सरकार गरीबों, वंचितों, आदिवासियों की सरकार है हम इनके साथ अन्याय नहीं होने दे सकते। हर आदिवासी को उसका वाज़िब हक दिलवाया जाएगा।