किसानों को नहीं मिला जैविक खेती का लाभ
उमरियाPublished: Sep 05, 2018 05:10:18 pm
कृषि विभाग पर धांधली का आरोप
किसानों को नहीं मिला जैविक खेती का लाभ
उमरिया. जैविक खेती के नाम पर जिले में जमकर धांधली की गयी है। पडोसी जिले में आदिवासियों ने जैविक खेती को अपना कर लाखों रुपए कमा रहे हैं, वहीं उमरिया जिले में कृषि विभाग से सम्बन्धित अधिकारी कमा रहे हैं। कृषि विभाग लगातार जैविक खेती में जिन किसानों को लाभ मिला है, उसकी जानकारी भी सूचना के अधिकार के तहत नहीं दे रहे हैं। कृषि विभाग के लोकसूचना अधिकारी राशिद खान का स्पष्ट कहना है कि मैंने ब्लॉक के अधिकारियों को सूचना की जानकारी के लिए कह दिया है, उनके द्वारा जानकारी नहीं भेजी जा रही है। इसमें वे क्या कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार बैगा विकास प्राधिकारण के माध्यम से कृषि विभाग के द्वारा जैविक खेती के नाम पर जमकर लूट की गयी है। इसी बात को छुुपाने के लिए सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं दी जा रही है।
उपसंचालक कृषि एनपी सुमन के कार्यकाल में बैगा आदिवासियों को जैविक खेती के नाम कुछ सामग्री दी गयी थी। उसी सामग्री में जमकर कमीशन खोरी की गयी थी, जो सामग्री बाजार में बहुत सस्ते दाम में मिल सकती थी। उन्हें कमीषन के सहारे ज्यादा में खरीद कर बैगा आदिवासियों को अनुदान में बांटा गया, जिसका कोई भी उपयोगिता और लाभ उन लोगो के लिए नहीं था। इसी कारण से लाखों रुपए अनुदान दिये जाने के बावजूद उमरिया जिले में कुछ ही किसानों के द्वारा जैविक खेती का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जिन किसानों को जैविक खेती के नाम पर अनुदान प्राप्त सामग्री दी गयी उनमें से एक भी जैविक खेती नहीं कर रहा है। इसी बात की जानकारी लेने के लिए कई बार आरटीआई लगाने के बावजूद कृषि विभाग उन हितग्राही किसानों की सूची उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिन्हें जैविक खेती के नाम पर अनुदान दिया गया है। जबकि जिले के तीनों ब्लॉकों मे कागजों में कम से कम 200 से अधिक किसानों केा जैविक खेती के नाम पर अनुदान दिया गया है, इसी को छुपाने का प्रयास कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है।
पूर्व उपसंचालक के समय किये गये भ्रष्टाचार को जिला कलेक्टर माल सिंह द्वारा भी नोटिस किया गया है। उन्होंने आत्मा परियोजना में हुए भ्रष्टाचार की कलई खोलने के लिए एक के बाद एक विभागीय कार्रवाई करते जा रहे हैं। उनकी कार्रवाई से कृषि विभाग के अधिकारियों में हडकम्प की स्थिति बनी हुई है। खेत पाठषाला, भ्रमण के नाम पर किसानों की यात्रा, किसान संगोष्ठी के नाम पर हो रही लगातार लूट को इसी प्रकार की कार्रवाई के द्वारा ही रोका जा सकता है।
इनका कहना है
जैविक खेती के नाम पर किसानों की सूची जल्दी उपलब्ध करायी जायेगी। जैविक खेती के नाम पर कहीं भी कोई धांधली नहीं की गयी है।
आरके प्रजापति, उप संचालक कृषि