उमरियाPublished: Sep 19, 2020 11:29:32 pm
ayazuddin siddiqui
1118 हितग्राहियो को वितरित किए गए वनाधिकार पत्र
Government committed to betterment of tribal tribal families: MLA
उमरिया. प्रदेश सरकार ने वन क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिवासी परिवारों के जीवन में बेहतरी लाने के लिए अनेकों योजनाएं प्रारंभ की है। सरकार ने 13 दिसंबर 2005 के पहले वन भूमि मे काबिज परिवारों को वनाधिकार पत्र देने का निर्णय लिया तथा उसे क्रियान्वित कराया। पूरे प्रदेश में पूर्व में 3 लाख आदिवासी परिवारों को वनाधिकार पत्र दिए गए। वन उत्सव कार्यक्रम में जिले के 1118 परिवारों को वनाधिकार पत्र दिए गए है। जिन आदिवासी परिवारों को वनाधिकार पत्र प्राप्त हुए है वे अब निश्ंिचतता के साथ खेती बाडी कर सकेंगे। उक्त बातें बांधवगढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह ने गरीब कल्याण सप्ताह के तहत सामुदायिक भवन उमरिया में आयोजित वन उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए। विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय के विकास के लिए शिक्षा के लिए विदेश अध्ययन योजना, तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश पर शुल्क की व्यवस्था, छात्रावास आश्रमों एवं स्कूलों का शुभारंभ छात्रवृत्ति, शिष्य वृत्ति में वृद्धि, वनाधिकार पट्टे प्राप्त करने वाले हितग्राहियों के जमीन की सिंचाई की व्यवस्था, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ, जन जातीय संस्कृति के संरक्षण एवं सवंर्धन का कार्य प्रारंभ किया है। बच्चो के कौशल उन्नयन के लिए कम्प्यूटर शिक्षा, पायलट का प्रशिक्षण, छोटे छोटे व्यवसाय के लिए सहायता, प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला योजना का लाभ किसान क्रेडिट कार्ड जैसी अनेकों सुविधाएं संचालित की है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व में जो दावे निरस्त कर दिए गए थे उनका पुनरावलोकन करके पात्र व्यक्तियों को लाभ दिया जा रहा है तथा जानकारी वन मित्र पोर्टल में दर्ज की जा रही है। जिले में 1118 दावे मान्य किए गए है। कोई भी निरस्त दावा अमान्य नही किया गया है। विभिन्न स्तरों पर दावो की जांच की जा रही है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आनंद राय सिन्हां ने वनाधिकार अधिनियम के तहत शासन के प्रावधानों एवं अब तक की उपलब्धियों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर अतिथियों ने प्रतीक स्वरूप रामकली बाई बैगा, अटूट सिंह, हीरा सिंह, बुद्धसेन सिंह सहित 28 हितग्राहियो को वनाधिकार पत्र का वितरण किया। कार्यक्रम का संचालन एपीसी सुशील मिश्रा द्वारा किया गया।