scriptइस भीषण गर्मी में बेजुबान पशु और पक्षियों के दाना-पानी की व्यवस्था में जुटे युवा | In this scorching heat, the youth engaged in arranging food and water | Patrika News

इस भीषण गर्मी में बेजुबान पशु और पक्षियों के दाना-पानी की व्यवस्था में जुटे युवा

locationउमरियाPublished: May 19, 2022 06:17:51 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

पक्षी मित्र अभियान के तहत जगह-जगह लगा रहे सकोरे

In this scorching heat, the youth engaged in arranging food and water for the voiceless animals and birds.

In this scorching heat, the youth engaged in arranging food and water for the voiceless animals and birds

उमरिया. इन दिनों गर्मी में बेजुबान पक्षी और पशु को पानी की तलाश में भटकना पड़ रहा है बावजूद उन्हें पानी नहीं मिल रहा। ऐसे पशु और पक्षियों का हाल सिर्फ एहसास कर समझा जा सकता है। इसे देखते हुए जिले के युवाओं ने पक्षी मित्र अभियान के तहत बेजुबान पक्षियों और पशुओं के लिए दाना पानी उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। युवाओं ने कहा कि उनके दाना-पानी की व्यवस्था सभी को करनी चाहिए। 18 मई को उमरिया नगर के पिपरिया में युवाओं ने घर की छतों पर गर्मियों के मौसम में सकोरे लगाते हुए पक्षियों के लिए दाना तथा पानी का प्रबंध किया है। इसके साथ ही युवाओं ने कहा कि गर्मियों के मौसम में पानी पिलाने से ज्यादा नेक कार्य कोई नहीं है। सभी को बेजुबान पक्षियों संरक्षण के लिए अपने घरों की छतों पर सकोरे लगाकर मानवता का परिचय देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 42 से 44 डिग्री तापमान में जहां इंसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं पशु और पक्षियों के लिए यह कोई मुसीबत से कम नहीं है। इस भीषण गर्मी में पोखर और कुएं सूख चुके हैं, जिसके कारण पशु और पक्षियों के लिए दाना और पानी नहीं मिल पा रहा है। इसी समस्या को दूर करने नगर के युवाओं ने कदम उठाया और पशु और पक्षियों के जीवन को बचाने के लिए युवाओं ने अभियान चलाया है। इसके तहत जहां वह दाना और पानी की व्यवस्था तो कर रही रहे हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी जागरुक करने में जुटे हुए हैं। युवाओं से इस अभियान को देखकर लोग भी इनका साथ दे रहे हैं। पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे पक्षी मित्र अभियान से जुड़कर लोग काफी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। शहर से लेकर गांवों तक लोग जागरुक होकर इस पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। बताया जाता है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए न सिर्फ युवा वर्ग आगे आ रहा, बल्कि बुजुर्ग और छोटे-छोटे बच्चे भी अभियान से जुड़ रहे हैं और पेड़ों व घरों के सामने व छतों में सकोरे रखे जा रहे हैं, वहीं पशुओं के लिए बड़े-बड़े नाद रखवाकर उन्हें पानी मुहैया कराया जा रहा है।

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