उमरियाPublished: Jan 16, 2022 07:11:38 pm
ayazuddin siddiqui
कलेक्टर ने बनाई व्यवस्था, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में हुआ उपचार
Meat was stuck to the bones, if treatment was found, then malnutrition was defeated
उमरिया. जिला मुख्यालय के ग्राम डोंडका में बैगा प्रोजेक्ट के निवासी बुल्लू बैगा की बेटी प्रियंका कुपोषण से पीडि़त थी। प्रियंका के ईलाज के लिए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने व्यवस्था कराई एवं जबलपुर मेडिकल कॉलेज में ईलाज कराया गया। कुपोषण से ठीक होनेे के बाद प्रियंका वजन 7 किलो 700 ग्राम हो गया है। बुल्लू बैगा अपने परिवार के साथ जीवन यापन करने गांव से बाहर अन्य राज्य गया था। लॉकडाउन लगने के कारण परिवार वहीं फंस गया। 15 जुलाई को जब यह परिवार वापस आया तो अंागनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से पता चला कि परिवार की प्रियंका बैगा का वजन 4 किलो 300 ग्राम है और वह कुपोषण का शिकार हो गई है। जानकारी मिलने के बाद प्रियंका का पंजीयन कराकर 27 जुलाई 2021 को एनआरसी में भर्ती कराया गया। बालिका के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर कलेक्टर ने प्रियंका के ईलाज के लिए सहयोग के रूप में पांच हजार रूपये की राशि प्रदान की। कलेक्टर के साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अधिकारी लगातार संपर्क में रहें। जिसके बाद प्रियंका 11 अगस्त को डिस्चार्ज हुई तो उसका वजन 5 किलो तक हो गया था। बालिका प्रियंका खतरे से बाहर थी पंरतु पूर्ण रूप से पोषित न होने के कारण बालिका पर कलेक्टर द्वारा लगातार निगरानी रखी गई। बालिका के लिए पौष्टिक आहार, फल, सब्जी, दूध की समुचित व्यवस्था की गई। जिसके बाद 4 जनवरी को जब बालिका का वजन किया गया तो तब वह सात किलो 700 ग्राम की हो गई थी। उल्लेखनीय है कि जिले में कुपोषण के दंश को खतम करने की दिशा में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा कई अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। मैदानी अमले को भी कुपोषित बच्चों की खोज-खबर लेने के लिए लगाया गया है। इसी का नतीजा है कि काफी हद तक क्षेत्र में कुपोषण के मामलों में देखी जा रही है।