उमरिया

मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में बरती जा रही लापरवाही

दूसरी किस्त के अभाव में अधूरे पड़े भवन

उमरियाJan 07, 2019 / 02:49 pm

shivmangal singh

मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में बरती जा रही लापरवाही

उमरिया/चंदिया. योजना का लाभ लेने गरीबो ने पहले तो अपने कच्चे मकान को तोड़ दिया,और पहली किश्त जारी होने के बाद मकान की चारो दीवारों को भी उस स्थल पर उठा दिया,पर अब बाकी दो किश्त जारी न होने से ठंड में गरीब खुली छत के नीचे सोने मजबूर है,कुछेक गरीबो ने तो छत पर पन्नी आदि फैलाई है,बावजूद इसके कपकपाती ठंड उनके लिए मुसीबत बनी हुई है,नगरीय क्षेत्र चंदिया में आदिवासी मोहल्लों में तो हालत बद से बदतर है,यहां कई गरीबो के पास छत में पन्नी बिछाने के लिए भी पैसा नही है,जिस वजह से महिलाएं और परिवार के मासूम बच्चे भी खुली छत में सोते हुवे किसी तरह सुबह का इंतजार करते है,विदित हो कि चंदिया नगरीय क्षेत्र में स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना के स्वीकृत 424 हितग्रहियों में से महज 15 फीसदी हितग्रहियों के खाते में ही दूसरी किश्त पहुंची है,बाकी 85 फीसदी हितग्रहियों के खाते में अभी तक पहली किश्त के रूप में एक लाख ही मिल सकी है।योजना अंतर्गत शहरी क्षेत्र के लाभान्वित हितग्रहियों को पहली किश्त के रुप में एक लाख मिलना है,बाद में दूसरी किश्त के रुप में एक लाख और अंतिम तीसरी किश्त में हितग्राही को 50 हजार की राशि दी जानी है।प्रथम किश्त मिलने के बाद दीवारों को खड़ा कर छत ढालने के इंतजार में बैढे गरीब हितग्राही नरेंद्र कोल, तेज बली कोल, मिलनी बाई, बेड़ी लाल, गुड्डू कोल, चंदू कोल, रामप्रसाद कोल, रमेश कोल, शंभू कोल, रशीद खान, जयकरण कुशवाहा, राजेंद्र कुशवाहा, मुकेश कुशवाहा, अनीशा बी,रय्यूब खान, मुकीम खान, फूलाबाई, रामविलास कुशवाहा, मुजाहिद खान सहित सैकड़े से अधिक हितग्रहियों ने जिला प्रशासन से दूसरी किश्त जारी करने की मांग की है। देखना होगा सरकार जिस आवास योजना का दम्भ भर कर सभी बेघर को घर देने की बात कह रही है,वह कब तक चंदिया शहरी क्षेत्र के बेघर गरीबो के लिए वरदान साबित होता है। चंदिया स्थित नगरीय क्षेत्र का वार्ड नम्बर 14 गरीब आदिवासियों का लम्बे समय से पनाहगाह रहा है,यहाँ अधिकांश कच्चे मकान इन्ही गरीब आदिवासियों के बताए जाते है,दुर्भाग्य देखिए की इस योजना का प्रारंभ जिन बेघर गरीब हितग्रहियों के दृष्टिगत सरकार ने प्रारम्भ किया था,उस पैमाने में खरे होंने के बाद भी वार्ड के सैकड़े से अधिक आदिवासी गरीब इस योजना से अभी भी वंचित है,बताया जाता है कि आरक्षित वार्ड होने की वजह से जागरूकता के अभाव में इन गरीब आदिवासी योजना से विमुक्त रह गए।दरअसल चंदिया स्थित नगरीय क्षेत्र से 1812 पात्र बेघर हितग्राहियों ने आवेदन दिया था,जिनका डीपीआर एवम एम आई एस फीडिंग के बाद कोड भी मिल गया था,परन्तु बाद में नगरीय निकाय ने इन पात्र हितग्रहियों में से महज 25 फीसदी से भी कम यानी कुल 424 हितग्रहियों को ही इस योजना का लाभ दिलाने का मन बनाया,अब हालत यह है कि इन 25 फीसदी हितग्रहियों को दूसरी किश्त नही मिली है,जिस वजह से ये सभी अपने कच्चे मकान को तोड़ कर नए आवास की आधार शिला रखकर दूसरी किश्त मिलने का इंतजार कर रहे है,साथ ही खुली छत के नीचे कम्पकांपते ठंड में रात बिताने मजबूर है।

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