उमरिया

भारतीय समाज के पारंपरिक मूल्यों, संस्कृति से परिपूर्ण है नई शिक्षा नीति

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर हुई बौद्धिक परिचर्चा

उमरियाOct 18, 2021 / 11:48 pm

ayazuddin siddiqui

New education policy is full of traditional values, culture of Indian society

उमरिया. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर एक बौद्धिक परिचर्चा नगर के स्थानीय मधुकर भवन में हुई। परिचर्चा में प्रांत संगठन मंत्री दयानिधि भारतीय शिक्षण मंडल, केंद्र जबलपुर ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित की गई थी और इस नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है। इसमें भारतीय समाज के पारंपरिक मूल्यों, संस्कृति एवं देशज मेधा को वैश्विक आधुनिकता के साथ व्यवहारिक ज्ञान एवं शिक्षा से जोडऩे की परियोजना परिकल्पित की गई है, जो दूसरी ओर मातृभाषा स्थानीय कौशल एवं विवेक को भारतीय शिक्षा व्यवस्था एवं उससे जुड़े विमर्श में शामिल करने की योजना बनाई है। प्रोफेसर नीलकंठ पेंन्डसे, प्राध्यापक अर्थशास्त्र रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 में नवोन्मेश, रचनात्मकता लचीलापन, गतिशीलता के साथ-साथ भारतीय शिक्षा को वैश्विक भारतीय शिक्षा के स्तर पर पहुंचाने के लिए शिक्षकों के ऐसे वर्क फोर्स तैयार करने की बात कही, ताकि यह मिशन आगे बढ़ सके और जरूरतों के मुताबिक नए शिक्षकों की नियुक्ति तो हो, किंतु प्रशिक्षण एवं शॉर्टटर्म कोर्सेज भी चलाया जाये। शासकीय आदर्श महाविद्यालय उमरिया के प्राचार्य प्रो. एमएन स्वामी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत में विकास एवं शिक्षा को जोडऩे की एक महत्वपूर्ण पहल, परिकल्पित की गई है। इसमें युवाओं को आत्मनिर्भर एवं आत्मविश्वास से बनाने की शैक्षिक योजना प्रदान की गई है, ताकि भारत वैश्विक ज्ञानशक्ति बन सके। बौद्धिक परिचर्चा में शासकीय आदर्श महाविद्यालय उमरिया के प्रोफेसर अरुणेंद्र बहादुर सिंह, हरिशंकर बाजपेई, क्रीड़ा अधिकारी जितेंद्र कुमार के अलावा क्षेत्र संगठन मंत्री मजदूर संघ निरंजन तथा महाविद्यालय के अनेकों पूर्व छात्र गण उपस्थित रहे।

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