आरोप सिद्ध होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
उमरियाPublished: Sep 08, 2018 05:19:17 pm
तत्कालीन प्रभारी सचिव और सरपंच पर आरोप
आरोप सिद्ध होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
मानपुर. जिले की ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य के नाम पर कैसे सरकारी धन की होली खेली जा रही है। इसका ताजा उदाहरण मानपुर जनपद के ग्राम पंचायत पलझा में साफ तौर पर देखा जा सकता है। गांव के जागरूक नागरिकों द्वारा जब घटिया एवं औचित्यहीन निर्माण कार्यों पर सवाल उठाये जाने लगे तो तत्कालीन प्रभारी सचिव रोजगार सहायक और सरपंच द्वारा पहले तो शिकायतकर्ताओं को लालच देकर अनावश्यक तरीके से दबाव बनाना शुरू कर किया और जब बात नही तो झूठे मुकदमे में फंसा देने की धमकी दे डालीए लेकिन गांव के जागरूक नागरिकों ने इनके करतूतों की उच्च स्तरीय जांच करवा डाली जिससे आरोपियों की करतूत आईने की तरह साफ दिखने लगीए जांच अधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायत को सही पाया और निर्माण कार्यों सहित पंचायत के अन्य कार्यों में जमकर अनियमितता किये जाने और शासकीय राशि के गबन व दुरुपयोग के आरोप पर वसूली के निर्देश दे दिए लेकिन आरोपी चतुर चालाक होने से विभागीय सेटिंग बना ली लिहाजा आरोप प्रमाणित होने के बाद भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही हो सकी। जिस पर ग्रामीणों ने माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली।
बताया जाता है कि ग्रामीणों की शिकायत पर जिले के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यान्त्रिकी सेवा एपी सिंहए ने शिकायत की विधिवत जांच की जहां सभी शिकायतों को सही पाया। जांच अधिकारी ने ग्राम पंचायत पलझा के सरपंच धनपत सिंह, तत्कालीन सचिव रामावतार जायसवाल, संतोष महोबिया, रोजगार सहायक व तत्कालीन प्रभारी सचिव रामावतार जायसवालए तत्कालीन उपयंत्री राम शंकर हल्दकार, उपयंत्री गजेंद्र सिंह राठौर ने पंचायती निर्माण कार्यों में जमकर मनमानी कर आर्थिक अनियमितताओं का दोषी पाया और अपर कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन लेख कर करीब साढ़े 12 लाख की वसूली कर सख्त कार्यवाही करते हुए पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने की सिफारिश की, लेकिन आरोपियों के रसूख के आगे जिला प्रशासन के नुमाइंदे खुद को असहाय समझते हुए आज दिनांक तक कोई वसूली नही की और न ही पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई लिहाजा भ्रष्टाचार के आरोपियों के हौशले बुलंद हैं और वे आज भी अनियमितता करने से बाज नहीं आ रहे। शिकायत कर्ता के मुताबिक ग्राम पंचायत पलझा के सरपंच धनपत सिंहए तत्कालीन प्रभारी सचिव रामावतार जायसवाल समेत उपयंत्री पर ग्रेवल रोड राममित्र बर्मन के खेत से भाभूकरण बर्मन के खेत तक करीब 12 लाख की लागत से बनने वाली सड़क का उपयंत्री ने फर्जी मूल्यांकन किया और रोजगार सहायक एवं प्रभारी सचिव रामावतार जायसवाल ने अपने परिवार जनों समेत सरपंच के परिजनों समेत करीब 35 लोगो की फर्जी हाजिरी दर्शाकर और रोड रोलर चलवाने की राशि फर्जी तरीके से दर्शाकर लाखों रुपयों की हेराफेरी कर दीए जबकि उक्त रोड में न तो रोलर चलाया गया था और न ही पूरी रोड बनाई गई। जिस पर जांच अधिकारी ने आरोपियों को दोषी मानते हुए करीब 4 लाख की वसूली करने की अनुशंसा की। इसके अलावा प्राथमिक पाठशाला बरदौहा में साढ़े तीन लाख की लागत से बनाए जाने वाले खेल मैदान में रत्ती भर काम कराया गया।
इस निर्माण कार्य मे भी मिट्टी मुरुम और रोलर के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए करीब 1डेढ़ लाख की हेराफेरी कर दी गई। सबसे दिलचस्प बात ये है कि उक्त खेल मैदान में रोलर चलवाये जाने और मिट्टी मुरुम की ढुलाई के नाम पर फर्जीवाड़ा कर राशि हजम कर ली गई। ग्रामीणों की शिकायत पर जांच अधिकारी ने सी सी रोड निर्माण कार्य राजभान विश्वकर्मा के घर से राजेन्द्र पांडेय के घर तक करीब 5 लाख की लागत से बनने वाली सड़क में आधा अधूरा व घटिया निर्माण कराये जाने पर जांच अधिकारी ने 2 लाख की वसूली करने की बात लिखी। उपरोक्त निर्माण कार्यों के अलावा कई निर्माण कार्यों में जमकर फर्जीवाड़ा करते हुए हितग्राही मूलक योजनाओं में अनियमितताये की गई है। बावजूद इसके भी आरोपियों पर कार्यवाही नही हो सकी। शिकायत कर्ताओ ने बताया कि मामले में आरोपियों पर आरोप प्रमाणित होने के बाद भी न तो गबन की राशि वसूली गई और न ही आरोपियों पर कोई कार्यवाही और पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई जिससे वे अब माननीय उच्च न्यायालय की शरण ले रहे हैं।