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मुआवजा मिला नहीं, फसल भी हो रही चौपट

locationउमरियाPublished: Mar 24, 2019 10:59:10 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

छह वर्ष से आधा दर्जन गांव के किसान परेशान, सिंचाई परियोजना बनी सिरदर्द

Not received compensation, crops were also destroyed

मुआवजा मिला नहीं, फसल भी हो रही चौपट

चिल्हारी. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए मानपुर जनपद अंतर्गत ग्राम चिल्हारी के समीपी ग्राम अमरपुर में भदार व्यपर्वतन सिंचाई योजना प्रारंभ की गई थी। यही योजना आस-पास के क्षेत्र के किसानों के लिए सर दर्द बन गई है। बताया जा रहा है कि ग्राम बेल्दी, पड़वार, मुडग़ुड़ी, कुड़ी, सलैया, महरोई के किसानों की भूमि डूब क्षेत्र में आती है। दु:खद पहलू यह है कि जिन किसानों की भूमि डूब प्रभवावित क्षेत्र में है उन्हे छह वर्ष हो गए और अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया। मुआवजा न मिलने की वजह से किसान हर वर्ष अपनी जमीन पर खेती करते हैं और हर वर्ष डैम भरने के साथ डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि में पानी भर जाता है। जिससे किसानों द्वारा बोई गई फसलों का आये दिन नुकसान हो जाता है और किसान को अपूर्णनीय क्षति होती है। वहीं सिंचाई विभाग द्वारा आज तक संबंधित किसानों को किसी भी प्रकार से मुवावजा राशि नहीं दी गई।
कलेक्टर के निर्देश का पालन नहीं
किसानों ने अपनी समस्या जिला प्रशासन के समक्ष रखी थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने तीन साल की फसल का पंचनामा तैयार कर नुकसानी का प्रारूप बनाए जाने एवं नुकसान का आकलन कर मुआवजा वितरित कराए जाने के निर्देश दिए थे। साथ ही कहा गया था कि फुल वाटर लेवल का सर्वें सही ढंग से कराया जाने के निर्देश मानपुर एसडीएम को दिए गए थे। जिसके बाद सिंचाई विभाग द्वारा आज दिनांक तक किसी भी किसान को मुआवजा राशि नही दी गई।
किसान परेशान
किसानों के हित में सिंचाई विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते किसानों की चिन्ता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। किसान अपनी स्वयं की जमीन पर खेती भी नहीं कर पा रहा है और सिंचाई विभाग द्वारा मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा। विगत दिनों असामयिक वर्षा से किसानों द्वारा बोई गई गेहूॅ की फसल पानी में डूब गई। जिसके कारण किसानों को अपूर्णीय क्षति हुई है। जिसे देखते हुये एसडीएम मानपुर तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा भदार व्यपवर्तन डेम के बंद गेट को खोले गए थे।
राशि स्वीकृत फिर भी नहीं हुआ सर्वे
बताया जा रहा है कि उक्त डेम में सी लेवल के सर्वे कार्य के लिए 32 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके बाद भी आज तक सी लेवल का सर्वे कार्य नहीं कराया गया और 32 लाख रुपए कहां खर्च कर दिए गए इसकी भी जानकारी किसी को नहीं हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। किसानों को हो रही परेशानी को लेकर सिंचाई विभाग कितना गंभीर है। सर्वे के लिए राशि स्वीकृत होने के बाद भी सर्वे न कराया जाना व कलेक्टर के आदेश के बाद भी किसानों की फसल नुक्शानी का आकलन कर किसानों को मुआवजा वितरित न किया जाना विभाग की उदासीनता का ही परिचायक है। यही हाल रहा तो क्षेत्र के किसानों की इस समस्या का कभी भी समाधान नहीं हो पाएगा।
मुआवजा देने की मांग
भदार डेम से प्रभावित किसानों ने जिला प्रशासन से मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि लगातार नुक्शान होने की वजह से उनके सामने बड़ी समस्या आन खड़ी हुई है। यदि उन्हे उचित मआवजा प्रदान नहीं किया गया तो क्षेत्र के सभी प्रभावित किसान जन आंदोलन के लिए
बाध्य होंगे।

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