उमरियाPublished: Sep 30, 2020 06:26:09 pm
ayazuddin siddiqui
बीती रात घंघरी और बड़ेरी के आसपास रहा मूवमेंट झुंड में तीन बच्चे और छह वयस्क हैं शामिल
Now a herd of wild elephants reached Sarwahi, 10 km from the city
उमरिया. तीन बच्चे व छह वयस्क जंगली हाथियों का झुंड पिछले दो दिन से मुख्यालय की सीमा के आस-पास डटा रहा। जहां से अब यह झुंड लगभग 10 किमी दूर सरवाही के पस्तेर बफर जोन में पहुंच गया है। जिला मुख्यालय में पहुंचे हाथियों के झुंड द्वारा किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया गया है। हालांकि अभी तक इन हाथियों से किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। हाथियों के झुंड का मूवमेंट मुख्यालय के आस-पास होने की सूचना मिलते ही वन विभाग के साथ ही बांधवगढ़ नेशनल पार्क व वन विकास निगम का अमला लगातार निगरानी में लगा हुआ है। जिससे कि हाथियों के झुंड से किसी भी प्रकार की जनहानि न हो।
रात में करते हंै मूव
डीएफओं उमरिया आर एस सिकरवार ने बताया कि हाथियों के मूवमेंट पर लगातार नजर रखी जा रही है। हाथियों का यह झुंड प्राय: रात के समय ही मूवमेंट करता है। शहरी क्षेत्र में रात के समय भी पर्याप्त लाइटिंग रहती है ऐसे में इनके शहरी क्षेत्र में प्रवेश करने की संभावना कमी थी। इसके बाद भी टीम द्वारा लगातार निगरानी की जा रही थी। इनके द्वारा किसी भी प्रकार की जनहानि न हो इस पर वन विभाग का मुख्य फोकस था।
कछरवार के तेंदुआ हार में लगातार मूवमेंट
बताया जा रहा है कि कछरवार के तेन्दुआ हार में इन जंगली हाथियों का लगातार मूवमेंट बना हुआ है। बीती शाम यह झुंड पिपरिया के रास्ते से बिलाईकाप होते हुए बड़ेरी मुख्य मार्ग पर बने सेन्ट्रल एकेडमी के इर्द गिर्द पहुंच गया। जहां बीती रात इन्हे मुख्य मार्ग को क्रास करते हुए देखा गया। इसके बाद इनका मूवमेंट कछरवार के रास्ते से खारी हार से मेड़हा फाल से तेन्दुआ हार में हाथियो का झुंड प्रवेश कर गया है। बताया जा रहा है कि तखतपुर के रास्ते से सरसवाही जाने वाले मार्ग पर पस्तोर के आस-पस्तेर के आस पास हाथियो का झुंड डेरा डाले हुए हैं।
फसलों को पहुंचा रहे नुकसान
जंगली हाथियों का यह झुंड जिस रास्ते से भी गुजरता है वहां आस-पास के किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। वन विभाग के विशेषज्ञों की माने तो हाथियों के चलने से जहां फसल को नुकसान होता है वहीं धान व अन्य फसलों को हाथी नुकसान पहुंचाते हैं। इमिलिहा हार में प्रमोद चतुर्वेदी, आनन्द चतुर्वेदी के खेत में हाथियों ने काफी नुकसान पहुंचाया है।