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शहर में गहराया जलसंकट, अधर में लटकी 18 करोड़ की योजना

locationउमरियाPublished: May 20, 2019 01:59:11 pm

Submitted by:

amaresh singh

नगर वासियों की प्यास बुझाने टैंकर से किया जाएगा जल परिवहन

People have trouble drinking water in city

शहर में गहराया जलसंकट, अधर में लटकी 18 करोड़ की योजना

उमरिया। सूरज की तेज तपन के साथ ही जल संकट भी नगर वासियों को बेहाल करने लगा है। लगभग 40 हजार की जनसंख्या वाले इस नगर में आज भी नगर पालिका समुचित रूप से पेयजल की आपूर्ति नहीं कर पा रही है। पेयजल सुविधा में विस्तार करने 18 करोड़ की लागत से मुख्य मंत्री शहरी पेयजल योजना दो वर्ष पूर्व स्वीकृत हुई थी लेकिन वह अभी तक पूरी नही हो सकी। नगर वासियों को वर्षों पुरानी व्यवस्था से ही काम चलाना पड़ रहा है। यहां सर्वाधिक संकट 4 वार्डों में है। जहां निवासरत करीब 3 हजार की जनसंख्या पानी के लिए त्रस्त है। यहां कुछ समय बाद टैंकरों से पानी भेजना पड़ेगा। शेष वार्डों मेंं भी पेयजल आपूर्ति की स्थिति ठीक नहीं है। यहां अधिकांश वार्डों मे अब एक समय पानी दिया जा रहा है। वर्तमान में यहां 4 लाख 54 हजार लीटर क्षमता की एक पानी टंकी है उसी से सप्लाई दी जाती है। शहर में लगभग 3 हजार घरों में नल कनेक्शन है। लेकिन इतने घरों को भी नगरपालिका ठीक तरह से जल सप्लाई नहंी कर पा रही है।


टैंकर से सप्लाई
नगर के वार्ड नंबर 1, 2, 7, 12 ऐसे वार्ड हैं जहां पानी का सर्वाधिक संकट है। गत वर्ष भी यहां जून माह में स्थिति खराब हो गई थी। इस बार यहां 4 टैंकरों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। जल संकट का कारण यह है कि यहां नल कनेक्शन अन्य स्थानों से कम हैं, इसके अलावा पानी की सप्लाई भी बहुत कम हो गई है। करीब 1 माह से यहां केवल सुबह आधे घंटे सप्लाई दी जाती है। उसमें भी नलों में फोर्स नहंी रहता है। इन वार्डों में करीब 40 की संख्या में हैण्डपंप लगे हैं लेकिन इनमें से 17-18 हैण्डपंप बिगड़े पड़ेे हैं। इन वार्डों में दो-चार हैण्डपंप तो ऐसे हैं जो असफल हो चुके हैं। नगर पालिका ने इन्हे गलत जगह स्थापित करा दिया था। कुछ ही समय में इनका जल स्त्रोत काफी नीचे चला गया और इन्होने काम करना बंद कर दिया। कई बार नपा का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं किया गया।


कुएं तालाब उपेक्षित
नगर में सार्वजनिक कुुंए और तालाबों की कमी नहीं है। लेकिन यह सभी रखरखाव की कमी के कारण बदहाल हो चुके हैं। जबकि कुछ वर्षों पूर्व तक इनमें भरपूर पानी रहता था और उनके पानी का उपयोग लोग पीने के लिए करते थे। सगरा तालाब, बनिया तालाब आदि जैसे लंबे चौड़े तालाब आज लगभग सूख चुके हैं। उनमें गंदगी भरी हुई है। इनमें अब जानवरों को भी पीने का पानी नही मिलता है। यदि इन तालाबों की सफाई और गहरीकरण कर दिया जाए तो इनमें वर्ष भर पानी रह सकता है। इसके अलावा कुछ वार्डों में वर्षों पुराने सार्वजनिक कुएं भी हैं। जो गंदगी से भरते जा रहे हैं। इनकी सफाई और रखरखाव करने से बस्तीवासी इन कुओ का उपयोग कर सकते हैं।

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