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आवास योजना के मजदूरों को पंचायत नहीं दे रहा पारिश्रमिक

locationउमरियाPublished: Jan 16, 2019 10:55:23 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

कलेक्टर से की गई शिकायत

Remuneration not giving panchayat to workers of housing scheme

आवास योजना के मजदूरों को पंचायत नहीं दे रहा पारिश्रमिक

उमरिया. आवास योजना में मजदूरों से मजबूरी तो करा ली गई परंतु कई माह बीत जाने के बाद भी मजदूरों को उनका पारिश्रमिक पंचायत ने नहीं दिया है इस बाबत पंचायत को कई बार मजदूरों ने अपनी व्यथा सुना कर मजदूरी मांगी परंतु पंचायत के जिम्मेदार गाली गलौज कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर जनपद मानपुर अंतर्गत ग्राम असोढ़ से आए मजदूरों ने अपनी व्यथा कलेक्टर अमरपाल सिंह को सुनाई है। कलेक्टर ने इस बाबत कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
शिकायत के दौरान पहुंचे मजदूरों में मुख्य रूप से अच्छे लाल विश्वकर्मा, लालू यादव, किशोरा कोल, दोनाकोल, शिवबालक कोल, कुंजी कोल, तम्मा कोल प्रेमलाल कोल, टीमु कोल, मुन्नीबाई विश्वकर्मा, बारेलाल कोल, मिटिया बाई, राजू कोल, चंदू कोल, जोला कोल, बतिया बाई, राम सिया बर्मन, बहोरी कोल मौजूद रहे हैं। पीडि़त अच्छेलाल विश्वकर्मा ने बताया कि गत वर्ष हमारे खाते से फर्जी तरीके से हमारा हस्ताक्षर करवाकर खाते से राशि भी निकाल ली गई थी परंतु शिकायत की जानकारी मिलते ही रोजगार सहायक सुरेश बर्मन ने खाते में पुन: राशि डाल दी, इसके अलावा आए मजदूरों ने यह भी बताया कि आवास योजना में पंचायत के जिम्मेदार अनर्गल पैसे की डिमांड करते हैं कई पीडि़त हितग्राही आदिवासियों से इन्होंने योजना का लाभ दिलाने अनर्गल पैसा भी लिया है। विदित हो कि ग्राम असोढ़ में तकरीबन 160 हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ मिला है,इस योजना में जो भी मजदूरों ने परिश्रम कर गांव में योजना को साकार किया है,उन्ही मजदूरों में अधिकांश मजदूर पारिश्रमिक के लिए जिम्मेदारों के पास भटक रहे है, देखना होगा प्रशासन कब तक मजदूरों को न्याय दिला पाता है। जनपद सीईओ दीक्षा जैन ने बताया कि कई ग्रामो में ऐसे इश्यूज आये है, मजदूरी का एफटीयू होने के बाद भी खाते में राशि पहुंचने में समय लग रहा है। जिसके कारण मजदूर काफी परेशान हैं। उनके सामने भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। मजदूरों का कहना है कि उनसे काम तो करा लिया गया, लेकिन उन्हें जब मजदूरी देने का समय आया तो पंचायत हीलाहवाली कर रही है।

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