उमरियाPublished: Sep 17, 2019 10:48:06 pm
ayazuddin siddiqui
पिछले वर्ष सड़ा था गेहूं इस वर्ष सड़ी धान
मिलरों को दी जा रही सड़ी धान
उमरिया. जिले में स्थित 32 एमटी क्षमता वाले छपडौर कैप में 75 हजार क्विंटल गेहूं व 1 लाख 20 हजार क्विंटल धान रखी हुई है। जिसमें 2400 क्विंटल सड़ा हुआ गेहूं भी रखा हुआ है। पिछले वर्ष की बात करें तो यहां के क्षेत्र सहायक राम पाल त्रिपाठी के कार्य काल में 2400 क्विंटल गेहूं सड़ गया था, इस वर्ष 1 लाख 20 हजार क्विंटल धान सड़ गई। इन सबके पीछे नि:संदेह क्षेत्र सहायक की लापरवाही साफ झलक रही है।
इस विषय पर जब क्षेत्र सहायक से बात की गई तो उन्होंने अपने आप को नेक पाक साफ बताते हुए पूरा मामले में अपने आप को बचाने का प्रयास करते नजर आए। उनका कहना था कि ऊपर से ही सड़ी हुई तिरपाल दी जाती है जो कुछ दिनो बाद अपने आप फट जाती है। जिसके चलते पानी कैप के अंदर चला जाता है और अनाज को नुकसान हो जाता है इसमें हम क्या कर सकते है। मामला चाहे जो भी हो इससे तो नुकसान शासन को हो ही गया। अब सड़ी हुई धान पर पर्दा डालने के लिए उसे मिलरों को सप्लाई किया जा रहा है। चावल की क्वालिटी इस स्तर की हो चुकी है कि उसकी मीलिंग नही की जा सकती। अपने गले की फांस दूसरे के गले में डाली जा रही है। मामले में आज तक कोई जांच टीम प्रशासनिक स्तर पर छपरौड़ कैप नहीं भेजी गई। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि पूरे मामले में पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है।