इस मामले में रेत का अवैध परिवहन करने वाले ट्रेक्टर व माफियाओं की भूमिका संदिग्ध दिख रही है। इसलिए मामले को ट्रेक्टर ड्राइवर और मालिक ने नार्मल एक्सीडेंट में बदल दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार एक्सीडेंट के तुरंत ही ट्रेक्टर ड्राइवर ने ट्राली से ट्रेक्टर को अलग करके सुरक्षित स्थान पर ले जाकर बकायदा उसमें कल्टीवेटर फंसाकर रख दिया। इसके ठीक कुछ देर बाद दूसरा ट्रेक्टर आकर ट्राली का रेत खाली करके, ट्राली में पैरा भरकर एक बाड़ी में खड़ा कर दिया। जिससे यह पता नहीं चल पाये कि उक्त युवक की मौत कैसे हुई है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच मेंं आज तक लगी हुई है। तीन दिन बाद न तो अभी तक ट्रेक्टर ड्राइवर से कोई पूंछताछ कर रही है और न ही ट्रेक्टर को जब्त किया है। सवाल यह उठता है कि रेत का अवैध परिवहन करने वालो को पुलिस का खौफ नहीं है।
रेत माफियाओं द्वारा यह कोई पहला हादसा नहीं है। इसके पूर्व भी एक घटना बरबसपुर में घटी थी। जिसमें भी युवक की मौत हो गयी थी। यह मामला भी अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है। वर्तमान में भी भी बिलाईकाप से रोज सुबह रेत पूर्ववत वैसे ही निकल रही है। जैसे रोजाना निकाली जाती है। कहीं पर भी दुर्घटना को लेकर कोई संवेदना दिखाई नहीं पड़ती। ग्रामीणों के अनुसार रेत के अवैध उत्खनन की जानकारी खनिज व पुलिस विभाग के जिम्मेदार अफसरों को है, मगर वह चुप्पी साधे हुए हैं। सवाल यह है कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा और आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में क्या रेत माफियाओं को इसी तरह संरक्षित किया जाएगा।
इनका कहना है
उमरिया पुलिस कप्तान डॉक्टर असित यादव के मुताबिक इस मामले में नि:संदेह कार्रवाई हो चुकी होगी। मुझे ज्यादा डिटेल नहीं मालूम है। मै कम्फर्म करता हूं। फिलहाल एक्सीडेंट का मामला तो बन ही गया होगा।