इच्छामृत्यु मांगी, परिवार समेत आत्मदाह की चेतावनी
पीड़ित सरपंच सुरेश सिंह ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम इच्छामृत्यु का एक आवेदन दिया है औऱ ये भी कहा है कि अगर 2 अक्टूबर से पहले उनकी समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो वो कलेक्ट्रेट परिसर में ही परिवार के साथ आत्मदाह कर लेगा। सुरेश सिंह कई पंचवर्षीय से सरपंच हैं और जनपद उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। सुरेश सिंह ने मंत्री मीना सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछली पंचवर्षीय में उनकी पत्नी गांव की सरपंच थी और इस पंचवर्षीय में वो गांव के सरपंच हैं। बीजेपी विधायक और कैबिनेट मंत्री मीना सिंह उसे बीते 10 साल से प्रताड़ित कर रही हैं। पिछली पंचवर्षीय में मानपुर बस स्टैंड पर सैकड़ों लोगों के सामने उसके साथ मीना सिंह ने गाली गलौच तक की थी जिसकी शिकायत उसने थाने में की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मंत्री मीना सिंह ने अपने आदिवासी रिश्तेदारों की मदद से मेरे पट्टे की जमीन जुतवा ली है। बार-बार पंचायत की शिकायत की जा रही है उन्हें धमकी दी जा रही है जिसके कारण एक-एक दिन गुजारना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। साथ ही सरपंच ने खुद पर लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों को साबित करने की चुनौती देते हुए ये भी कहा है कि उसकी पंचायत के कामों की जांच करा ली जाए और विधानसभा की सभी पंचायतों की भी जांच करा लें अगर उनकी पंचायत का काम दूसरी पंचायतों से अच्छा न निकले तो उसे सजा दे दें।
मंत्री मीना सिंह ने नकारे आरोप
एक तरफ जहां सरपंच मंत्री मीना सिंह पर गंभीर आरोप लगा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मंत्री मीना सिंह ने सरपंच सुरेश सिंह के आरोपों की निराधार बताया है। मीना सिंह का कहना है कि इस मामले में मेरा कोई लेना देना नहीं है वहीं दूसरी ओर वह भी कह रही हैं कि वो सुरेश सिंह भाजपा का नहीं है और उन्हें गांव वालों से इस बात की शिकायत मिली है कि सरपंच सुरेश सिंह ने मेढ़ बंधान, खेत तालाब का पैसा मजदूरों के नाम से निकाला है।
कांग्रेस ने ली पूरे मामले पर चुटकी
भाजपा समर्थित सरपंच के सरकार की मंत्री पर गंभीर आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने भी मामले में चुटकी ली है। मानपुर जनपद के अध्यक्ष रामकिशोर चतुर्वेदी ने कहा है कि भाजपा के कार्यकाल में भाजपा की मंत्री से भाजपा कार्यकर्ता स्वयं प्रताड़ित हैं और ये कोई पहला मामला नहीं है ऐसे कई कार्यकर्ता हैं जो भाजपा से प्रताड़ित हैं लेकिन मंत्री के खिलाफ कोई बोलना नहीं चाहता लोग इनसे भय खाते हैं। उन्होंने कहा कि सुरेश सिंह लगातार कई साल से सरपंच है अगर उसने और उसकी पत्नी ने काम नहीं किया होता तो उसे गांव वाले लगातार सरपंच क्यों बनाते।
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