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रजिस्टे्रेशन किसी और का दवा कोई और बेच रहा

locationउमरियाPublished: Oct 25, 2017 05:57:13 pm

Submitted by:

Shahdol online

इंसानी जिंदगी से खेल रहे मेडिकल स्टोर संचालक

उमरिया. जिले भर में कुल 173 दवा दूकानों से दवाओं की बिक्री की जा रही है। जानकारी के अनुसार 70 प्रतिशत दूकानों में बिना फार्माशिष्ट के ही दवा दूकानों का संचालन किया जा रहा है। बिना फार्माशिष्ट के दवा दूकानों के संचालन से प्रतिबंधित दवाओं और नशीली दवाओं की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में बंगाली डाक्टर से लेकर परचून की दूकानों में औषधियों का नियमविरूद्ध तरीके से भंडारण किया जा रहा है। अप्रशिक्षित हाथों से बेधड़क तरीके से एंटीबॉयोटिक और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जा रही है, जिसके कारण आये दिन ग्रामीण मरीजों को खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अलावा इन दवा दूकानों को जांचने का अधिकार औषधि निरीक्षक के हवाले होता है। वर्तमान समय में पदस्थ औषधि निरीक्षक को एक साथ चार से पांच जिलों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है। चार पांच जिलों के एकमात्र औषधि निरीक्षक अजित जैन के द्वारा इन तमाम दुकानों का निरीक्षण समय पर नहीं हो पा रहा है। जबकि नियमत: साल भर में एक बार दवा दूकानों में फार्म नम्बर 35 को औषधि निरीक्षक की उपस्थिति में भरा जाना चाहिये। एक ही समय में अजित जैन के हवाले उमरिया, कटनी, शहडोल, डिंडोरी, अनूपपुर जैसे जिलों का कार्यभार भी दिया हुआ है। बताया जाता है कि कभी भी खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा इन मेडिकल स्टोरों की जांच पड़ताल नहीं की जाती है, जिसका फायदा ये बाखूबी उठाते हैं।
बढ रही है प्रतिजैविक दवाओं की मात्रा
्रबिना प्रशिक्षित फार्माशिष्ट के हो रही दवा दूकानों से धडल्ले से एंटीबॉयोटिक दवाओं की बिक्री की जा रही है। जिसके कारण इन दिनों प्रशिक्षित डाक्टरों को भी एन्टीबॉयोटिक दवाओं के इस्तेमाल में पसीने छूट रहे हैं। इन डाक्टरों को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि साधारण एन्टीबायोटिक दवाओं का इन मरीजों पर असर क्यों नहीं हो रहा है। दबाब में मरीज को जल्दी से जल्दी ठीक करने के चक्कर में प्रतिजैविक दवाओं की मात्रा को बढ़ाने पर मजबूर हो रहे हैं। जबकि बंगाली डाक्टरों और अप्रशिक्षित और बिना फार्माशिष्ट के द्वारा दूकानों से हो रही दवाओं की बिक्री को रोक कर भी मरीजों की जान से खिलवाड़ पर रोक लगाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य महकमा तैयार नहीं हो रहा है।
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