इनका कहना है
स्वदेशी कपड़े को पहनकर आजादी का एहसास करना हम सभी युवाओं के लिए जरूरी है। स्वदेश में निर्मित खादी के कपड़े दिखने में जहां शानदार होते हैं। वही इनका रखरखाव तथा उपयोग भी काफी आसान है। इस स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी कपड़े का उपयोग कर आजादी का जश्न मनाएंगे।
खादी हमारे देश के स्वदेशी आंदोलन से जुड़ी है। सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी ने विदेशी वस्तुओं का त्याग कर अपने हाथों से वस्त्र तैयार करने व उसे धारण करने का आह्वान किया था। स्वतंत्रता दिवस पर सभी खादी के वस्त्र पहनकर लोगों को भी इसका महत्व समझाएं।
खादी का पहनावा देश का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित पहनावा है। लेकिन आज के युवा इसका प्रयोग ज्यादा नहीं कर रहे हैं हम सभी युवाओं को खादी का प्रयोग बढ़ाने तथा इसकी ब्रांडिंग के लिए प्रयास करना चाहिए। इसके लिए सभी को मिलकर आगे आना होगा।
खादी आजादी के आंदोलन का स्वरूप लेकर आगे बढ़ी। स्वतंत्रता के बाद इसका और भी महत्व बढ़ गया इसे पहनने वालों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। अब आवश्यकता है कि सरकार इसे बढ़ावा देने विशेष प्रयास करें। युवा वर्ग सूती व देश में बने खादी वस्त्रों को अपनाए।