कलेक्टर ने कहा छात्रावासों के अधीक्षक छात्रावास में ही करें निवास
उमरियाPublished: Jan 10, 2023 11:58:13 am
छात्रावासों एवं मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की निरंतर होगी मॉनीटरिंग


कलेक्टर ने कहा छात्रावासों के अधीक्षक छात्रावास में ही करें निवास
उमरिया. कलेक्टर डा. कृष्ण देव त्रिपाठी ने सभी जिला प्रमुख अधिकारियों को महीने भर के भ्रमण कार्यक्रम की एडवांस जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब भी अधिकारी भ्रमण पर जाएं तो अपनी विभागीय दायित्वों के साथ-साथ जन जातीय कार्य विभाग, शिक्षा विभाग तथा सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से संचालित छात्रावासों का निरीक्षण अवश्य करें। साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में सोमवार को कलेक्टर ने निर्देश दिए कि छात्रावासों के अधीक्षक पूर्ण कालिक हों तथा वे छात्रावास में ही निवास करें। इसी तरह स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित मध्यान्ह भोजन एवं सांझा चूल्हा कार्यक्रम की भी मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जियो टैगिंग कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सूचकांकों की समीक्षा करते हुए समय समय पर चलाए गए विभिन्न अभियानों की जानकारी तथा प्रदेश स्तर पर जिले की रैंकिंग की भी समीक्षा की। सभी जिला प्रमुख अधिकारियों को विभागीय योजनाओं की प्रगति एवं उपलब्धियों पर आधारित समाचार तथा सफलता की कहानियां जनसंपर्क विभाग को उपलब्ध कराने को कहा। बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रमोद सिन्हा, पीटीएस पुलिस अधीक्षक डा. लक्ष्मी कुशवाहा, अपर कलेक्टर मीशा सिंह, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया, होमगार्ड कमांडेंट, आरआई रेखा सिंह, नगर निरीक्षक राघवेंद्र तिवारी, यातायात निरीक्षक शरद श्रीवास्तव, सीईओ जनपद पंचायत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।
सार्थक एप से उपस्थिति का विरोध
जिला अस्पताल के अधिकारियों/कर्मचारियों को सार्थक एप से उपस्थिति दर्ज कराने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। इस व्यवस्था का मप्र मेडिकल ऑफीसर एसोसिएशन यूनिट ने विरोध कराते हुए बताया कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ समस्त चिकित्सक प्रतिदिवस 24 घंटे ड्यूटी संपादित करते हैं। कई बार चिकित्सकों को इमरजेंसी में ड्यूटी के अलावा भी आना पड़ता है। चिकित्सकों को मुख्यालय में रखने पर कई जगह मोबाईल नेटवर्क उपलब्ध नहीं रहता है। कई चिकित्सक एंड्रायड मोबाइल नहीं चलाते हैं। सभी चिकित्सक जिला चिकित्सालय उमरिया एवं मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ इसका पुरजोर विरोध करता है।