खुलेआम काटे जा रहे हरे-भरे वृक्ष
उमरिया
Published: June 17, 2022 10:07:55 pm
उमरिया. घुनघुटी वन परिक्षेत्र के जंगलों से धड़ल्ले से हो रही वन की कटाई से जंगल धीरे-धीरे मैदान में तब्दील होते जा रहा है। इससे एक ओर जहां पर्यावरण को नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर वन्य प्राणियों का जीवन भी संकट में मंडराने लगा है। आए दिन जंगलों से हरे-भरे पेड़ को काटकर लकडिय़ों की तस्करी की जा रही है। रोजाना विभाग के पास इस तरह की शिकायत आ रही है। आसपास के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है। इसके चलते घुनघुटी वन क्षेत्र में सागौन के पेड़ों की संख्या में कमी आई है। सघन वन अब विरल वन में तब्दील हो रहे हैं। 5 साल पहले घुनघुटी क्षेत्र में सागौन, सरई, लिप्टिस आदि पेड़ों से जंगल हरा-भरा दिखाई देता था लेकिन आज दूर-दूर तक खाली मैदान दिखाई देता है। घटने वन, तेज गर्मी और पानी की कमी के कारण क्षेत्र में फॉरेस्ट जोन में वन्य जीवों की संख्या घटती जा रही है। वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। वनों के संरक्षण के लिए क्षेत्र में गश्ती बढ़ाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि एक ओर वन विभाग यह दावा करता है कि उनका विभाग लगातार जंगल में होने वाली हर हरकत पर नजर रखे हुए। इसके लिए वन अमले को संसाधन भी मुहैया कराएं गए हैं। बावजूद इसके जंगल की बेशकीमती लकड़ी काटी और बेची जा रही है। सवाल यह उठता है कि जब जंगल में अवैध कटाई लकडिय़ों की तस्करी हो रही है तो फिर वन विभाग के संसाधन कितने कारगर होंगे। या फिर यह कहा जाए कि जंगल के भीतर जो भी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, उस पर खुला संरक्षण दिया गया है। अगर यह मान भी लिया जाए कि किसी का संरक्षण नहीं है तो फिर धीरे-धीरे जंगल ठूंठ में क्यों परिवर्तित होते जा रहे हैं। ऐसे और भी कई सवाल वन अमले के ऊपर हमेशा से लगते आए हैं। जिसका कोई जवाब आज नहीं मिल सका है।
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