उमरियाPublished: Dec 06, 2021 05:46:17 pm
ayazuddin siddiqui
आधार लिंक खातों में किया जाएगा भुगतान
The work of procurement of paddy on support price will be done till January 15
उमरिया. जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य 29 नवंबर 2021 से प्रारंम्भ होकर गया है जो 15 जनवरी 2022 तक की अवधि में किया जाना है । भारत सरकार के निर्देशानुसार उचित मूल्य पर उपार्जित स्कंध का भुगतान संबंधित कृषक को उसके आधार लिंक खातों में ही किया जाना है, सभी किसान जिन्होंने फसल विक्रय के लिये पंजीयन कराया है उनकों उनके आधार नंबर से कम से कम एक खाता लिंक होना चाहिये, जिस पर विक्रय फसल की राशि का भुगतान किया जा सके । इस संबंध में सभी पंजीकृत किसानों को खादय नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल से निम्न एस एम एस विभाग द्वारा भेजा गया है। समर्थन मूल्य का भुगतान किसान के आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में ही किया जाएगा। किसान पंजीयन क्रमांक में आपके द्वारा दिये गये मोबाईल नंबर एवं आधार नंबर में दर्ज मोबाईल नंबर भिन्न-भिन्न होने के कारण आधार नंबर का सत्यापन नहीं हो सकता है । नजदीक के आधार पंजीयन केन्द्र पर जाकर अपने आधार नंबर में पंजीयन में उल्लेखित मोबाईल नंबर दर्ज कराए ।
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में किसानों को उपार्जित धान की राशि का भुगतान जे आई टी पोर्टल के माध्यम से किसानों के पंजीकृत बैंक खातों में किया जायेगा इसके लिये किसानों को धान उपार्जन केन्द्रो पर ई के वाई सी तत्काल कराना है, जिसके लिए आधार नंबर पर लिंक मोबाईल नंबर पर ओ टी पी आयेगा और तभी ई के वाई सी हो सकेगी । यदि पूर्व में आधार नंबर पर लिंक मोबाईल नंबर वर्तमान में चालू नहीं है तो पहले वर्तमान में चालू मोबाईल नंबर आधार केन्द्र पर जाकर अपडेट कराए तत्पश्चात धान उपार्जन केन्द्र पर ई के वाई सी करावे, क्योंकि ओ टी पी किसान के आधार लिंक मोबाईल नंबर पर ही आएगा और तभी ई के वाई सी हो सकेगी । किसानो से उपार्जित धान का भुगतान आधार लिंक बैंक खाते पर ही होना है ।
शासन की समर्थन मूल्य योजना का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिये उमरिया जिले के धान विक्रय हेतु पंजीकृत किसान भाईयो से अपेक्षा है कि वे अपनी बिक्रय धान की उपज की राशि का समय पर भुगतान प्राप्त करने के लिये अपने धान उपार्जन केन्द्र पर संम्पर्क कर अपना ई के वाई सी तत्काल करावे । ताकि किसान भाई को भुगतान प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो और समय पर उनकी फसल का भुगतान प्राप्त हो जाये।