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बांधवगढ़ में गूंजी किलकारियां,हाथियों के कुनबे में नए शिशु हाथी का जन्म, देखें वीडियो

काजू किशमिश से सेहत बना रही अनारकली

उमरियाDec 19, 2018 / 01:39 pm

shubham singh

wild elephant kindred in Birth of new baby elephant

उमरिया। सोमवार की रात अनारकली के कुनबे में गूंजी थी किलकारियां। डॉक्टरी परीक्षण के बाद अनारकली के साथ जंगल में घूम रहा शिशु हाथी। अनारकली के साथ अठखेलियां करता शिशु हाथी। अब बांधवगढ़ पार्क में हाथियों की संख्या 12 से बढ़कर 16 हो जाएगी। ये अनारकली का 8वां शिशु हाथी है। इनके पहले अन्य शिशु हाथियों को मप्र सहित देश के कई राज्यों के नेशनल पार्को में भेजा जा चुका है।


सेहत बना रही अनारकली
गुड़ सोंठ काजू बदाम से सेहत का ख्याल किसी महिला प्रसूता का नहीं बल्कि बांधवगढ़ की अनारकली का रखा जा रहा है। दरअसल दो दिन पहले सोमवार की रात मादा हाथी ने नन्हे कॉफ हाथी का बच्चा को जन्म दिया है। स्वास्थ्य परीक्षण में जन्मा मादा कॉफ बिल्कुल स्वस्थ है। नए मेहमान की किलकारियां गूंजते ही बांधवगढ़ में जश्न का माहौल है। स्वयं बांधवगढ़ डायरेक्टर मृदृल पाठक की देखरेख में अनारकली व उसके कॉफ का खानपान किया जाता है। नए मादा कॉफ के आने से जहां कुनबे का विस्तार होगा वहीं हाथियों के संकट से जूझ रहे टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए संजीवनी भी है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है। रात में पारा 7 तथा दिन में 16 डिसे पर बना हुआ है। मादा हाथी अनारकली बीटीआर में हाथियों के कुनबे की सीनियर सदस्य है। पार्क प्रबंधन ने बताया कि सोमवार रात सुरक्षित कॉफ का जन्म हुआ है। जन्मोपरांत डॉ नितिन गुप्ता, बांधवगढ़ डायरेक्टर ने दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जायजा लिया। पूरी तरह स्वस्थ होने पर कॉफ को मां का दूध भी पिलाया जा रहा है। विशेष खानपान शुरू कर दिया गया।
मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में हाथियों की कमी किसी से छिपी नहीं है। यहां कर्नाटक में हाथी लाए जाने का प्रस्ताव अंतिम चरण के बाद रद्द हो गया। वर्तमान में प्रबंधन के पास 12 हाथियों का दल है। बफर व कोर एरिया मिलाकर 1598 वर्ग किमी में अक्सर रेस्क्यू के दौरान इनकी मदद ली जाती है। दल में प्रमुख सदस्यों के नाम गौतम, गणेश, अनारकली, बांधवी, पंचाली, सूर्या है। मादा में अनारकली व नर समूह में गौतम हाथी सीनियर है। इनके अलावा मई 2017 में सीटी जिले से उत्पादी 4 हाथियों को यहां रखा गया है। इन्हें टाइगर मानीटरिंग के गुर सिखाए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा हाथियों की शिफ्टिंग रद्द होने के बाद हाथियों की कमी को चार नए हाथी प्रशिक्षण उपरांत पूरा करेंगे। वहीं नए कॉफ के व्यस्क होने से उनका कुनबा भी लगातार बढ़ता रहेगा। यही कारण है कि टाइगर रिजर्व प्रबंधन आवभगत में लगा हुआ है।

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