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बुद्ध पूर्णिमा की पूजन विधि और महत्व, यह काम करने पर मिलेगा लाभ

locationउमरियाPublished: May 18, 2019 01:47:56 pm

Submitted by:

amaresh singh

इसलिए मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा

Worship method and importance of Buddha Purnima

बुद्ध पूर्णिमा की पूजन विधि और महत्व, यह काम करने पर मिलेगा लाभ

उमरिया। बुद्ध पूर्णिमा को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है. बुद्ध भगवान बौद्ध धर्म के संस्थापक थे और उनका जन्म 563 ई. पूर्व के बीच शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी, नेपाल में हुआ था. मान्यता है कि इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को बहुत धूम-धाम से मनाते हैं.


इसलिए मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा

भगवान बुद्ध ने जब अपने जीवन में हिंसा, पाप और मृत्यु को जाना तब उन्होंने मोह माया त्याग कर अपने गृहस्थ जीवन से मुक्ति ली और जीवन के सत्य की खोज में निकल पड़े. कई सालों तक बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या कर जब उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई तो यह दिन पूरी सृष्टि के लिए खास दिन बन गया, जिसे वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 18 मई 2019 को सुबह 04 बजकर 10 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समाप्त 19 मई 2019 को सुबह 02 बजकर 41 मिनट तक

बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए

1. मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है.

2. इस दिन बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग मठों में इक_े होकर प्रार्थना करते हैं.

3. इस दिन लोग बौद्ध विहारों और मठों को रंगीन झंडों से सजाते हैं और बुद्ध की शिक्षाओं का जाप करते हैं.

4. इस दिन बौद्ध धर्म के लोग घर और मंदिरों में भगवान बुद्ध की मूर्ति के अगरबत्ति और मोमबत्तियां जलाकर भगवान बुद्ध से प्रार्थना करते हैं.

5. इस दिन गरीबों में कपड़े और खाना बांटा जाता है.

 

करें ये उपाय मिलेगा महालाभ

– बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह के समय स्नान करके साफ कपड़े पहनें.

– एक स्टील या चांदी के लोटे में जल भरें और उसमें कच्चा दूध मिश्री और गंगाजल मिलाएं तथा पीपल की जड़ में अर्पण करें.

– शाम के समय लक्ष्मी नारायण भगवान को खीर का भोग तुलसी डालकर लगाएं तथा जरूरतमंद लोगों को यह खीर बाट दें.

– ऐसा करने से मन की इच्छा पूरी होगी धन धान्य की वृद्धि के साथ साथ पारिवारिक कलह क्लेश हमेशा के लिए खत्म होंगे.

मांसाहार का सेवन ना करें

– बुद्ध पूर्णिमा के दिन मांसाहार का सेवन ना करें.

– झूठ का सहारा लेकर कोई काम ना करें.

 

 

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