मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) को ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैण्ड में खेले गए वर्ल्ड कप के दौरान अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में धवल कुलकर्णी को शामिल करने और तय सदस्यों से ज्यादा सपोर्ट स्टाफ के लिए 2.43 करोड़ रुपये चुकाने पड़े। बीसीसीआई को यह रकम आईसीसी को देनी पड़ी है। कुलकर्णी ऑस्ट्रेलिया व इंग्लैण्ड के खिलाफ त्रिकोणीय सीरिज के बाद भी भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे और इसके चलते टीम इंडिया 16 सदस्यीय हो गई थी, जबकि आईसीसी नियमानुसार 15 खिलाड़ी ही होने चाहिए। खिलाड़ी से बनाया मैनेजमेंट का सदस्य वर्ल्ड कप शुरु होने के बाद कुलकर्णी को खिलाड़ी के बजाय टीम मैनेजमेंट के सदस्य के रूप में दिखाया गया। इसके चलते भारतीय टीम का सपोर्ट स्टाफ 18 सदस्यीय हो गया जबकि नियमानुसार इसमें केवल आठ सदस्य ही होने चाहिए थे। भारतीय टीम के कुछ खिलाडिय़ों के चोटिल होने के कारण धवल कुलकर्णी को रोका गया था। दिलचस्प बात है कि पूरे वर्ल्ड कप में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, यहां तक कि भुवनेश्वर कुमार को भी एक ही मैच में जगह मिल पाई थी। वर्ल्ड कप में भारत का सपोर्ट स्टाफ भारतीय सपोर्ट स्टाफ में टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री, मुख्य कोच डंकन फ्लैचर, सहायक कोच संजय बांगड़, गेंदबाजी कोच भरत अरुण, टीम मैनेजर अरशद अयूब, योग टीचर और मसाजर अमितकुमार शाह, फिजियोथेरेपिस्ट नितिन पटेल, वीडियो एनालिस्ट संदीप आनंद, मेंटल कंडिशनिंग कोच वीपी सुदर्शन, मसाजर रमेश माने, फिल्डिंग कोच आर श्रीधर, असिस्टेंट ट्रेनर रघु श्रीनिवासन, मीडिया मैनेजर डॉ. आरएन बाबा, लॉजिस्टिक्स मैनेजर एमए सतीश, डेनियल विल्शॉ, इमेनुएल ग्रीमा और डग मैकॉले शामिल थे। क्या है आईसीसी के नियम आईसीसी के नियमानुसार वह केवल तय खिलाडिय़ों और सपोर्ट स्टाफ का खर्चा ही वहन करता है। इसके तहत उसने वर्ल्ड कप के दौरान 15 खिलाडिय़ों और आठ सपोर्ट स्टाफ का ही खर्चा वहन किया। मैच के दौरान भी केवल 15 खिलाड़ी ही डग आउट और ड्रेसिंग रूम में रह सकते हैं। इसके चलते बीसीसीआई को प्रत्येक अतिरिक्त सदस्य के लिए 24 लाख रुपये चुकाने पड़े।