एसडीएम दयाशंकर पाठक, तहसीलदार विराग करवरिया, क्षेत्राधिकारी पुरवा पंकज सिंह कार्रवाई शुरू होने के पहले मौके पर पहुंच गए थे। इस मौके पर पुरवा, मौरावां और असोहा थाने की पुलिस भी मौजूद थी। बीते 25 मार्च को तहसीलदार न्यायालय ने बेदखली का आदेश दिया था। अपने आदेश में उन्होंने कहा था कि अवैध कब्जा को खाली करा लिया जाए। इस संबंध में डॉ शकील को 15 दिन पहले नोटिस दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि 5 दिनों में स्वयं कब्जा को हटा ले। डॉक्टर शकील द्वारा कब्जा ना हटाए जाने प्रशासन बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंच गया। अदालत की तरफ से 1.70 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
कार्रवाई के बाद एसडीएम दयाशंकर पाठक ने कहा कि तहसीलदार न्यायालय के आदेश पर अवैध कब्जे को हटाया गया है। जिसके लिए नोटिस भी दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ पड़ोस में बने एक और मकान को भी गिरा दिया गया। धुनारा पत्नी सत्रोहन ने बताया कि उसे कोई नोटिस से नहीं दिया गया था। बिना नोटिस कहीं उसका मकान गिरा दिया गया। जिससे सारा सामान मलबे में दब गया।