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पढ़ाई के नाम पर बच्चों से मंगवाया जा रहा है कद्दू, शिक्षा अधिकारी ने बैठायी जांच

locationउन्नावPublished: Oct 03, 2017 05:11:50 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

प्रधानाचार्य ने बच्चों को भेजा कद्दू लेने के लिए

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उन्नाव. प्राइमरी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था पर यूं ही अंगुलियां नहीं उठाई जाती है। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाएं छात्र-छात्राओं को पढ़ाने से ज्यादा अन्य कार्य लेती हैं। इस प्रकार की तस्वीरें आए दिन सामने आती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मोटी रकम तनख्वाह के रूप में लेने वाले शिक्षा विभाग के कर्मचारी है कि अपने को बदलना नहीं चाहते है। उन्हें बायोमेट्रिक अटेंडेंस से भी परहेज है। जिसका वह विरोध खुलेआम कर चुके हैं।
बात-बात पर अपनी छवि को धूमिल करने का दोषारोपण भी शासन और प्रशासन पर करते हैं। परंतु अपनी कार्य प्रणाली में नहीं ला रहे हैं। इसी प्रकार का एक मामला विकासखंड सिकंदरपुर कर्ण के गांव टिकरी गणेश का सामने आया है। जिसमें विद्यालय की प्रधानाचार्य द्वारा बच्चों को हरी सब्जी लेने के लिए भेजा जाता है। बच्चे इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि उन्हें मैडम ने सब्जी लेने के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भी मैडम द्वारा बच्चों को सब्जी पर लेने के लिए भेजा जाता रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई जांच

प्रधानाचार्य की कार्यप्रणाली से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है प्रधानाचार्य शिक्षक विद्यालय में बच्चों से पढ़ाने के अलावा सारे काम कराती है। शिक्षिकाओं को प्रशासन का बिल्कुल भय नहीं है। खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने तरीके से कार्य करती हैं। इस संबंध में बात करने पर प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और खंड शिक्षा अधिकारी को जांच दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों में रोष व्याप्त

मामला सिकंदरपुर करण विकासखंड के टिकरी गणेश ग्राम समाज के गांव बलिया खेड़ा का है। ग्रामीणों के अनुसार शिक्षिका आए दिन विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों से सब्जी मंगाया करती हैं। प्रधानाचार्य की कार्यप्रणाली से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणाों ने पूछा कि शासन इसी प्रकार की व्यवस्था के लिए इन्हें तनख्वाह के रूप में मोटी रकम देती है। ग्रामीण श्याम सिंह ने बताया कि वैसे भी गांव में छात्र के विद्यालयों में छात्र की अनुपस्थिति नगण्य है इसके बाद भी विद्यालय शिक्षक छात्रों की संख्याओं को बढ़ाने का प्रयास नहीं किया जाता है।

उन्हें आकर्षित करने का प्रयास नहीं करते हैं। उनसे सब्जी आदि मंगा कर समय का दुरुपयोग और शासन की मंशा का माखौल उड़ाते हैं। उनका कहना था कि जब तक बच्चे सब्जी लेकर वापस आते हैं विद्यालय में छुट्टी की घंटी बज जाती है। विद्यालय प्रधानाचार्य का यह रोज का रवैया है। ग्रामीणों ने प्रधानाचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। जिससे भविष्य में कोई बच्चों के साथ किस तरह का व्यवहार न कर सके। बातचीत करने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मामला उनके भी संज्ञान में आया है। खंड शिक्षा अधिकारी राजेश कटिहार को जांच दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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