उन्नाव की धरती ने कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कार्यक्रम के दौरान मौजूद शिक्षकों से उन्होंने कहा कि आप जो शिक्षा दे रहे हैं, उन्हीं बुनियाद पर इमारत खड़ी है। मीरा कुमार ने कहा कि लगभग 90 वर्षों तक आजादी के लड़ाई लड़ी गई। जिसमें उन्नाव की भूमि ने एक से एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दिए हैं। उन्होंने कहा कि उन्नाव की धरा गंगा जमुना तहजीब की है यही उन्नाव की पहचान है। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर देश के सभी धर्मों का प्रभाव पड़ा है। हो सकता है उनके पूर्वजों का प्रभाव हो। या इसलिए है कि हम हिंदुस्तान के रहने वाले हैं उन्होंने कहा हमारे देश में 8-8 धर्मों का प्रभाव है। मीरा कुमार ने बताया कि काफी संघर्षों के बाद हमें आजादी मिल मिली है और जिसमें सभी को रहने का बराबर अधिकार मिला है। हम किसी से यह नहीं कह सकते हैं कि तुम्हें यहां पर रहने का अधिकार नहीं दिया गया है। हमें किसी को यह कहने का अधिकार नहीं है कि तुम्हारे लिए यह दरवाजा बंद है। यही तो लोकतांत्रिक देश की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म की तरह अब जातिवाद का पैर दूसरे धर्मों में भी बड़े पैमाने पर फैल रहा है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जनतंत्र में रहते हैं। यहां भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। वरना जनतंत्र मुखोटा बनकर रह जाएगा।
इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षकों का किया गया सम्मान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा की उन्हें एक बार अंडमान निकोबार के जेल मैं जाने का अवसर मिला जहां पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को रखा जाता था इस जेल में उन्नाव के तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम अंकित है। उन्होंने कहा कि देश में प्रत्येक को वोट डालने का अधिकार दिया गया है। चाहे उस की तिजोरी में रुपए हो या, ना हो। भले ही वह भूखा प्यासा हो, गरीब हो 2जून की रोटी खाने को ना मिलती हो। लेकिन एक वोट डालने का अधिकार उसे संविधान उसे अवश्य दिया है। कार्यक्रम को शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने भी संबोधित किया था। इस मौके पर पूर्व सांसद अनु टंडन, अजय श्रीवास्तव, विवेक शुक्ला, अनूप मल्होत्रा, नीरू टंडन, मीरा सिंह, अमित शुक्ला वीर प्रताप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।