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अदालत की शरण में पहुंचा भाजपा प्रत्याशी, मतपेटियों पर उठाया बड़ा सवाल

locationउन्नावPublished: Dec 08, 2017 04:25:26 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

सभासद और अध्यक्ष के मतों में भी 101 वोटों का अंतर, भाजपा अध्यक्ष पद प्रत्याशी ने जिला निर्वाचन कार्यालय पर लगाए गंभीर आरोप.

BJP Unnao

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उन्नाव. नगर पालिका परिषद उन्नाव में पड़े मतों को मतपेटी खा गई या आसमान निगल गया? 1135 मत गिनती ना होने से यह संदेह होता है कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ी हुई है। इस संबंध में भाजपा प्रत्याशी ने अदालत की शरण में जाकर री काउंटिंग या पुनर्मतगणना की मांग की है। अदालत ने भाजपा प्रत्याशी द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों को देखने के बाद याचिका स्वीकार कर ली है और अगली सुनवाई की तारीख 11 दिसंबर निश्चित किया है। इसके साथ ही भाजपा प्रत्याशी के पति ने निर्वाचन प्रक्रिया पर और भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर की एक मेज होती है। जब्कि सदर नगर पालिका में पड़े मतों की गिनती के लिए 3 मेज लगाए गए थे। उन्होंने बताया कि निरस्त किए गए मतपत्रों को प्रत्याशी एजेंटों को नहीं दिखाया गया। इसके साथ ही सभासदों और अध्यक्षों के मतों में भी अंतर की जानकारी उन्होंने दी। फिलहाल मामला अदालत की चौखट पर है और सभी को अदालती निर्णय का बेसब्री से इंतजार है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजा शिकायती पत्र-
भाजपा प्रत्याशी अमित अवस्थी ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ को भी लिखित शिकायत पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने दोबारा मतगणना की मांग की है। अपने शिकायती पत्र में उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा मतदान के बाद 70,059 मत पड़ने की जानकारी सार्वजनिक की गयी थी। जिसका परसेंटेज 57.41 बताया गया। परंतु मतगणना में कुल मतों की संख्या 68 924 निकली। जिसमें 2924 अवैध और नोटा के मत भी शामिल है। तो फिर 1,135 मत कहां चले गए। मतगणना के बाद फार्म 39 में जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा प्रत्याशियों के मतों का पूरा लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया है। जिसके बाद उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि मतदान और मतगणना के दौरान निकले मतों की संख्या में काफी अंतर है। लोकतंत्र में एक-एक वोट का महत्व है। ऐसे में हजारों की संख्या में मतों का गायब होना, गिनती न किया जाना लोकतंत्र पर चोट है।
सभासद और अध्यक्ष के मतों में भी अंतर-

इसके साथ ही सभासद और अध्यक्ष पद के लिए पड़े मतों में भी 101 वोट का अंतर है। यह भी निर्वाचन प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त करता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ को भेजे अपने शिकायती पत्र में उन्होंने बताया कि स्थानीय राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में हुई गिनती में अन्य कई सारे अनियमितताएं बरती गई हैं। अमिता अवस्थी ने बताया कि उनके पति अनुराग अवस्थी जो जिला भाजपा में महामंत्री के पद पर हैं, उनके पोलिंग एजेंट को भी निरस्त किए गए, मतों को नहीं दिखाया गया है। सरकारी कर्मचारी द्वारा डाले मतों के विवरण को भी अस्पष्ट किया गया है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि मतगणना करने वाले कर्मचारियों का बर्ताव भी अच्छा नहीं था। भाजपा महामंत्री अनुराग अवस्थी ने इस मौके पर बताया कि अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है और आगामी 11 दिसंबर को इस पर सुनवाई होगी।
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