दुर्गेश राठोर के अनुसार इधर जांच के दौरान जब बयान का समय आया तो मैंने जल्दी बाजी में मैंने जो शिकायत पहले दे रखी थी उसमें परिवर्तन करना चाहता था। लेकिन जांच अधिकारी व सीएमओ ने उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन करने नहीं दिया। मनचाहे तरीके से होने बयान लिखवाया है। अब कहते हैं डॉक्टर बेगुनाह है। तुम्हें दो चार लाख रुपए चाहिए ले लो। इन पर अविश्वास होने के कारण मैंने जिला अधिकारी से जांच के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन नहीं करने दिया गया।
उन्होंने बताया कि अगर मुझे न्याय नहीं मिलता है तो मजबूरन मुझे भ्रष्टाचारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की जगह मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह कर लूंगा। क्योंकि प्रशासन को चलाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है। भारतीय जनता पार्टी का ओबीसी प्रकोष्ठ के मंडल अध्यक्ष वह विधानसभा प्रभारी भी है। जब पार्टी के लिए मैं मर सकता हूं तब न्याय के लिए तो मैं हमेशा के लिए अपनी जान दे सकता हूं। विधानसभा प्रभारी के खून से से लिखे पत्र के सामने आने के बाद हड़कंप मचा है।