मतदाता सूची संबंधित सारे कार्य करेंगे भाजपाई भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष श्रीकांत कटियार ने आज जिला मुख्यालय कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक के आवास पर अनुसूचित मोर्चा की बैठक में बताया कि सदस्यता अभियान को सफल बनाने के लिए पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता व सांसद, विधायक, सभासद, सभी जनप्रतिनिधि बूथों पर जाकर नए सदस्य बनायेंगे। सदस्यता अभियान के तहत युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा सहित सभी प्रकोष्ठ विभाग और प्रकल्प के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी जिला स्तर पर लक्ष्य निधारित कर नए लोगों को भाजपा का सदस्य बनाने के काम में जुटेगें। पार्टी में विशेष सदस्यता अभियान के तहत नए सदस्य बनने के लिए टोल फ्री नम्बर 18002661001 जारी किया है। जिलाध्यक्ष ने बताया है कि टोल फ्री नम्बर मिलाकर कोई भी व्यक्ति भाजपा का सदस्य बन सकता है। सदस्यता के साथ-साथ मतदाता सूची पुर्नीक्षण, बूथ समिति का गठन का कार्य भी इसी अभियान में होगा।
लाभार्थियों से सीधे संपर्क करने का प्लान जिलाध्यक्ष श्रीकांत कटियार ने कार्यकर्ताओं का आवाह्न किया और कहा कि केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार द्वारा लोककल्याण के लिए शुरू की गई योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा सम्पर्क संवाद स्थापित करें। मोदी – योगी सरकारों द्वारा जनकल्याण के लिए किये गए कार्यो से आमजन में भाजपा के प्रति विश्वास बढा है। ऐसे में हम सब कार्यकर्ताओं का यह दायित्व बनता है कि समाज के जाति, वर्ग के लोंगो से सम्पर्क कर उन्हें भाजपा सरकारों द्वारा किये जा रहे लोककल्याण के कार्यो की जानकारी देते हुए उन्हें पार्टी का सदस्य बनाने का काम करेें। बैठक में अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री रामचन्द्र कनोजिया ने कहा भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास पर कार्य करती है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही अनुसूचित जातियों का असली विकास है। अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष चन्द्र पाल रावत ने भी बैठक को संबोधित किया।
अखिलेश यादव को ना खुद पर भरोसा और ना ही समर्पित कार्यकर्ताओं पर भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव संचालन समिति के मीडिया प्रभारी संजीव त्रिवेदी ने कहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में हुई करारी हार के चलते अखिलेश यादव बुरी तरह हताश हो चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते हुए जनाधार से डरे हुए हैं। यही वजह है कि वे गठबंधन के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार बैठे हैं। उन्हें ना तो खुद के नेतृत्व पर भरोसा बचा है ना ही कार्यकर्ताओं के समर्पण पर। इसीलिए वे रोज रोज गठबंधन का राग अलाप रहे हैं। ये बात अलग है कि गठबंधन के लिए वो जिन दलों से उम्मीद लगाए बैठे हैं, वे दल ना तो उन्हे गंभीरता से ले रहे है, ना ही उन दलों की तरफ से उन्हें कोई तवज्जो मिल रही है। ऐसे में अखिलेश यादव की हालत मान ना मान, मैं तेरा मेहमान जैसी हो चुकी है। समाजवादी पार्टी पिछलग्गू पार्टी साबित हो रही है और कोई भी उसके साथ गठबंधन को तैयार नहीं दिख रहा।