उन्होंने कहा कि उनका परिवार सुरक्षा के बंदोबस्त को लेकर चिंतित है। गौरतलब है कि सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में पुलिस के जवानों के साथ पीएसी की बटालियन भी लगाई गई थी। जिसे वापस बुला लिया गया है। पीएसी के वापस जाने के बाद अब सुरक्षा व्यवस्था उत्तर प्रदेश पुलिस के कंधों पर आ गई है। जबकि पुलिस अधीक्षक का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करने के बाद शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा।
दुष्कर्म पीड़िता की मां का हुआ कलमबंद बयान
उन्नाव दुष्कर्म कांड से मशहूर माखी थाना क्षेत्र का मामला दिन प्रतिदिन जांच के अंतिम दौर में पहुंच रहा है। जहां केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने परिवार के सभी सदस्यों से अलग अलग बयान लेने का निर्णय किया है। जिसके अंतर्गत विगत बृहस्पतिवार को दुष्कर्म पीड़िता की मां का बयान केंद्रीय जांच ब्यूरो के मजिस्ट्रेट के सामने लिया गया।
दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा है कि अब रोजाना बारी बारी से परिवार के सभी सदस्यों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज होंगे। सीबीआई अदालत में सबसे पहले दुष्कर्म पीड़िता की मां के बयान के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां उनके कलमबंद बयान अदालत के सामने लिए गए। सीबीआई कड़ी सुरक्षा के बीच परिवारीजनों को लेकर लखनऊ जा रही है।
पीएसी लगाए जाने की मांग
इधर सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में पीएसी के हटने से दुष्कर्म पीड़ित ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि गेस्ट हाउस में पीएसी की एक बटालियन दुष्कर्म पीड़िता के परिवारीजनों की सुरक्षा के लिए लगाई गई थी। जिसे अचानक विगत बुधवार को हटा ली गई। जिससे अब यहां की सुरक्षा व्यवस्था की कमान उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथों में आ गई है। उपरोक्त हाई प्रोफाइल दुष्कर्म की घटना में उत्तर प्रदेश पुलिस पर पहले से ही पीड़ित परिजन आप विश्वास व्यक्त कर रहे हैं। बताया जाता है कि पीएसी की 36 वीं बटालियन सिंचाई भवन के गेस्ट हाउस में लगाई गई थी। जिसका समय पूरा हो गया था। मुख्यालय से मिले निर्देशों के अनुसार पीएसी की 36 वीं बटालियन ने अपना तामझाम समेट कर वापस चली गई। पीएसी के हटने से दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिजन असुरक्षा की भावना व्यक्त कर रहे हैं। इधर पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार ने कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था के निरीक्षण करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।