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जिला प्रशासन की नाकामी – खुले में फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट के बीच खतरे में बचपन,

locationउन्नावPublished: Mar 18, 2019 09:09:07 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

जिला प्रशासन की नाकामी हर कदम पर दिखाई पड़ती है, जिम्मेदार आंख मूंदकर निकल लेते हैं, राहत की कोई उम्मीद नहीं

जिला प्रशासन

जिला प्रशासन की नाकामी – खुले में फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट के बीच खतरे में बचपन,

उन्नाव. केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक बड़े-बड़े दावे करती है कि समाज के अंतिम पायदान जहां विकास की किरण नहीं पहुंची हो, जिन्हें मदद की सबसे अधिक आवश्यकता हो, जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही है योजनाओं का लाभ। परंतु यह लाभ किसे मिल रहा है और कौन उठा रहा है इसकी जानकारी जांच का विषय है।

मेडिकल वेस्ट के बीच घर के चूल्हे की आग जलाने का इंतजाम

लेकिन सच्चाई बताने के लिए मेडिकल वेस्ट के बीच घर के चूल्हे की आग जलाने का इंतजाम कर रहे हैं दो किशोर पर्याप्त हैं। जो मुकुंद खेड़ा के रहने वाले हैं और मेडिकल वेस्ट के बीच ऐसी चीजों की तलाश कर रहे हैं। जिनसे उन्हें दो पैसे की आमदनी हो सके ।इस संबंध में बात करने पर किशोर ने बताया कि कबाड़ की दुकान पर ₹10 किलो बिक जाता है। जिससे उन्हें दो पैसे की आमदनी होती है और घर का चूल्हा जलता है। एक सवाल के जवाब में किशोरों ने बताया कि वह स्कूल नहीं जाते हैं।

जिला प्रशासन की नाकामी

जिला प्रशासन की नाकामी का ही प्रमाण है कि नर्सिंग होम द्वारा खुले में इस प्रकार मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है।जो की पूरी तरीके से प्रतिबंधित है। प्रदूषण विभाग द्वारा मेडिकल वेस्ट कलेक्ट करने के लिए कानपुर की संस्था मेडिकल पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी से टाइ अप किया गया है। जो जनपद में मेडिकल वेस्ट को इकट्ठा करता है। लेकिन जिला प्रशासन की नाकामी के कारण मेडिकल वेस्ट को नर्सिंग होम संचालक द्वारा खुले में फेंक दिया जाता है। नर्सिंग होम कि इश्क मनमानी से आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

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