जिला अध्यक्ष आरती बाजपेई ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीनेशन की गति धीमी करने के लिए डिजिटल डिवाइस पैदा की गई। किसी न किसी कारण से वैक्सीनेशन सेंटर पर डिजिटल डिवाइस के कारण वैक्सीनेशन में देरी हो रही है। वैक्सीनेशन की कीमत पर भी उन्होंने सवाल उठाया। बोली अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कीमत तय करके केंद्र सरकार आपदा में आम आदमी को लूटने का प्रयास कर रही है। 134 दिनों में वैक्सीनेशन की गति 16 लाख प्रतिदिन है। इस औसत से व्यक्ति लगाई जाए देश की पूरी वयस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने में 3 साल लग जाएंगे। ज्ञापन में 6.63 करोड़ खुराक विदेशों को निर्यात करने पर भी सवाल उठाया गया है बताया गया कि इससे देश को बड़ा नुकसान हुआ है।
ज्ञापन में बताया गया कि कोवीशील्ड की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150 रुपये है। जबकि राज्य सरकार के लिए ₹300, निजी अस्पताल के लिए ₹600 है। वहीं जबकि बायोटेक कंपनी की को वैक्सीन की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए डेढ़ सौ रुपये, राज्य सरकार के लिए ₹600 और निजी अस्पतालों के लिए ₹12 निर्धारित की गई है। कांग्रेस ने 1 दिन में औसतन एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की मांग मांग की है। ज्ञापन देने वालों में प्रदीप कनौजिया, कृष्ण पाल सिंह यादव, विश्वास निगम, दिनेश शुक्ला, चंद्र प्रकाश शुक्ला, युसूफ फारुकी, जंग बहादुर सिंह, सुभाष सिंह, डॉ. सरफराज गांधी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे।