इसके पूर्व विगत रविवार को यूपीएसआईडीसी के तथाकथित कर्मचारी शपथ पत्र पर ग्रामीणों से हस्ताक्षर कराने पहुंच गए। जिसमें हस्ताक्षर करने वालों को ५०००० रुपए और एक प्लाट देने की बात लिखी थी। यह बात गांव में आग की तरफ फैल गई। मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। जिससे हलफनामा लेकर मौके पर पहुंचे लोगों की मंशा पूरी नहीं हुई।
शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराने पहुंचे शंकरपुर सराय में किसान आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।यूपीएसआईडीसी भी अपने संबंधों के आड़ में ग्रामीणों से से तरह-तरह के कागजों पर सिग्नेचर लेकर अपनी गर्दन बचाने का प्रयास कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें शासन द्वारा दी गई कीमत के बराबर धनराज से नहीं दी गई है। जिससे किसान आंदोलित हैं। विगत 10 सितंबर को किसी संबंध में चर्चा चल रही थी कि आगामी 15 सितंबर को जिलाधिकारी का घेराव किस प्रकार किया जाए।
जिसका नेतृत्व गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल करेंगी। बैठक के दौरान जानकारी मिली अजय अनमोल जो पूर्व में किसान नेता रह चुका है के आदमी किसानों को बहला-फुसलाकर किसी कागज पर दस्तकत करा रहे हैं। इस पर किसान उखड़ गए। जानकारी करने पर पता चला कि संदिग्ध लोगों द्वारा किसानों को ५०००० रुपए व एक प्लाट देने को कहकर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर आ रहे हैं।
किसानों को सूचना मिलने पर उन्होंने पूछताछ की। परंतु स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इसी बीच उन्होंने शपथ पत्र की फोटो खींचने की कोशिश की गई। जिस पर उन्हें रोक दिया गया और कहा गया है कि नहीं इसकी फोटो नहीं खींच सकते। जिससे मामला और भी संदिग्ध लगने लगा।
पुलिस ने कहा, यदि आप फोन नंबर पर शिकायत की तो शिकायत थाने में की जाएगी इस पर किसान आंदोलन का संचालन कर रहे हीरेंद्र निगम ने 100 नंबर पर सूचना दे कर किसानों के साथ हो रहे बर्ताव की जानकारी दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची 100 नंबर ने मौके का निरीक्षण किया। उन लोगों ने बताया कि वह लोग शपथ पत्र पर दस्तखत करवा रहे हैं। जिसमें गांव के कुछ लोग बाधा खड़ी कर रहे हैं।
इसे पर पुलिस ने कहा कि री दुबारा इन्होंने दोबारा सो नंबर पर कंप्लेन किया तो इनकी शिकायत थाने में कर देना। हीरेंद्र निगम ने बताया कि यह सभी लोग यूपीएसआईडीसी की दलाली के रूप में कार्य करते हैं और आगामी 15 सितंबर को होने वाले आंदोलन व जिलाधिकारी के घेराव की धार को कम करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस आई थी। परंतु उन्होंने अवैध रूप से कार्य कर रहे तथाकथित दबंगों से बातचीत करने के बाद बताया कि यदि दोबारा हीरेंद्र निगम 100 नंबर पर फोन करें तो इनके खिलाफ कोतवाली में शिकायती पत्र दे देना। किसान आंदोलन के बढ़ते रूप को देखते हुए यूपीएसआईडीसी खेल खेल रही है और अपने भ्रष्ट कारनामों को छुपाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। इस मौके पर डॉक्टर बीएनपाल, डॉक्टर उमेश शुक्ला, गुड्डू, परशुराम, श्रीकांत, सनोज यादव, सुशील त्रिवेदी, किशोरीलाल के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। इस संबंध में यूपीएसआईडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश झा से बातचीत करने का प्रयास किया गया परंतु उन्होंने मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला दिया।