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जयपुर

धनिये की खुशबू से महकी मंडी

विशिष्ट श्रेणी कृषि उपज मंडी में मंगलवार को धनिये की जोरदार आवक हुई। इस दौरान मंडी धनिये की खुशबु से महकी रही।

जयपुरFeb 17, 2016 / 08:04 am

Abhishek Pareek

विशिष्ट श्रेणी कृषि उपज मंडी में मंगलवार को धनिये की जोरदार आवक हुई। इस दौरान मंडी धनिये की खुशबु से महकी रही। वहीं मंडी में सरसों, चने व संतरा की भी अच्छी आवक रही। जिससे पूरे मंडी परिसर में खासी चहल-पहल दिखाई दी। मंडी में रबी की जिंसों की आवक शुरू होने से व्यापारियों में खुशी है एवं हम्मालों व मजदूरों को रोजगार मिलने लगा है।

कृषि मंडी निदेशक व व्यापारी मनोहर पोरवाल ने बताया कि मंगलवार को मंडी में 6 हजार बोरी से अधिक विभिन्न जिंसों की आवक हुई। मध्यप्रदेश क्षेत्र से धनिया व सरसों बिकने आ रही है। आगामी दिनों में ओर अधिक आवक की संभावना है, वहीं कृषि अधिकारियों के अनुसार इन दिनों पूरे क्षेत्र में धनिया व सरसों की कटाई चल रही है तथ फसल सूखनेे से अब इसकी थ्रेसिंग भी जोर पकडऩे लगी है।

तेजी की राह पर सरसों –
-सरसों के भाव तेजी की राह पर चल रहे है। दो दिनों में सरसों के 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़े है। जिससे किसानों में खुशी की लहर है। सरसों के भाव और अधिक बढऩे की संभावना है।
धनिया 4500-9000, मसूर 5300-5500, चना 4300-4400, सरसो 3800-4220 व सोयाबीन 3500-3700 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

रात तक चहल पहल
मंडी में करीब चार माह बाद जिंसों की आवक बढऩे के साथ चहल पहल भी बढ़ गई है। अब शाम तक जिंस नीलामी का दौर चलता है एवं इसके बाद देर रात तक जिंसों का उठाव किया जा रहा है।

संतरे की आवक बढ़ी
कृषि मंडी में मंगलवार को संतरे की आवक बढ़ी है। संतरा व्यापारी अब्दुल फरीद जुगनू ने बताया कि मंडी में 16 हजार मन से अधिक संतरों की आवक हुई है। अब संतरों की साइज भी ठीक आ रही है एवं मिठास होने की वजह से संतरे की अन्य राज्यों में मांग बड़ी है। जिससे मंडी से रातभर ट्रकों में संतरों की लोडिंग बढ़ गई है अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है। संतरे के भाव 400 से 1000 रुपए मन है। आगे गर्मी को देखते हुए व्यापारियों ने भावों में और तेजी की संभावना जताई।

बाहर से आए मजदूर
सीजन शुरू होने के साथ ही खेतों में सरसों व धनिये की कटाई की जा रही है। जिसके चलते यहां अन्य बाहरी क्षेत्रों से मजदूर पहुंच रहे है। जिससे मजदूरों को अच्छा मेहनताना मिल रहा है, वहीं जिंस परिवहन के लिए ट्रकों की मांग भी बढ़ गई है।
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