गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के अंतिम संस्कार स्थल की भयावह तस्वीर
गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के हाजीपुर रौतापुर और बक्सर घाट की स्थिति काफी गंभीर है। रौतापुर घाट पर कनिकामऊ, राजेपुर, भटपुरवा, मिर्जापुर सहित अन्य गांव के लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। ग्रामीणों का कहना था कि लकड़ी न होने के कारण शव को रेती में ही दफन कर दिया गया। स्थिति यह बन गई कि अब शव को दफन करने की जगह भी नहीं बची। रोजाना बड़ी संख्या में शव घाट पर पहुंच रहे हैं। जल्दी बाजी में शव को दो-तीन फुट गहरा खोदकर ही दफन कर दे रहे हैं। जो भविष्य के लिए काफी खतरनाक है। मौके पर मौजूद राजू पाल ने कहा कि बरसात के दिनों में शव बह कर गांव में आ जाता है। जिससे महामारी फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है।
बक्सर घाट का स्थानीय अधिकारियों ने किया निरीक्षण
बारा सगवर व थाना क्षेत्र अंतर्गत बक्सर घाट पर जिलाधिकारी के आदेश पर पहुंचे उप जिलाधिकारी और क्षेत्राधिकारी ने रात में अंतिम संस्कार स्थल का निरीक्षण किया। क्षेत्राधिकारी ने कृपाशंकर ने बताया कि पंडो ने नाव के माध्यम से शव को गंगा नदी के बीच बने टापू में कम गहराई करके दफन कर दिया। उन्होंने संभावना जताई कि कुत्तों ने मिट्टी हटाकर शव को खाने का काम किया हो। पंडो को निर्देशित किया गया है भविष्य में किसी भी शव को दफनाया नहीं जाएगा। जलाकर अंतिम संस्कार होगा, अन्यथा पंडों केे खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज दफनाए गए शव पर मिट्टी डलवाने का काम किया जाएगा।
By Narendra Awasthi