सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया देवमई सगौली की घटना मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के देवमई सगोली शाखा की है। मौरावा थाना क्षेत्र के चंदन गंज बाजार निवासी मोनिका दीक्षित पत्नी आलोक दीक्षित ने बताया कि जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से उन्होंने रेडीमेड गारमेंट्स के लिए लोन का आवेदन किया था। जिसका इंटरव्यू विगत 10 जून 2018 को विकास भवन में हुआ था। इंटरव्यू में पास होने के बाद मेरी फाइल विगत 2 जुलाई 18 को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा देवमई सुगौली भेज दी गई। शाखा प्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सतीश सोनी ने स्वयं दुकान का सर्वे किया था और जल्द से जल्द लोन देने की बात कही थी। इस बीच शाखा प्रबंधक सतीश सोनी ने लोन के लिए शर्त की बात कही। जिसके बाद उन्होंने अपने प्राइवेट चपरासी रमेश के माध्यम से कहलवाया कि लोन के लिए ₹20000 देने होंगे। साथ ही बैंक के कैसियर भगवानदीन पांडे और फील्ड ऑफिसर देवेश के ऊपर छेड़छाड़ के मुकदमे दर्ज कराने की शर्त रखी। शाखा प्रबंधक ने लोन के लिए अनैतिक संबंध बनाने का भी दबाव बनाना शुरू किया।
पीड़िता ने बताया शाखा प्रबंधक की अनैतिक मांगों से मानसिक पीड़ा हुई पीड़िता ने बताया कि उन्होंने अपने जेवर बेचकर रेडीमेड कपड़ों का काम शुरू किया था। लेकिन शाखा प्रबंधक की अनैतिक मांगो से उन्हें मानसिक पीड़ा हुई। उन्होंने शाखा प्रबंधक की अनैतिक संबंधों की बातचीत का ऑडियो भी मौजूद होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विगत 29 अक्टूबर को लोन के संबंध में जानकारी प्राप्त करने गए तो शाखा प्रबंधक ने गंदी गालियां देकर उन्हें बैंक से बाहर निकाल दिया और जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता के अनुसार शाखा प्रबंधक ने अपने साथ दो प्राइवेट चपरासी भी रखा है, जिसके माध्यम से वह अपनी दबंगई दिखाता है। उन्होंने कहा कि यदि मुझे न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह करने के लिए विवश होंगी और जिसकी सारी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री व शासन – प्रशासन की होगी।