जिला अस्पताल में तीमारदारों के बीच सूअर और कुत्ते, सीएमओ ने कहा सीएमएस की जिम्मेदारी
- उमा शंकर दीक्षित संयुक्त चिकित्सालय का हाल बेहाल
- कोविड-19, बर्ड फ्लू और डेंगू जैसी बीमारियों के बीच स्वास्थ्य अधिकारियों की बड़ी लापरवाही

उन्नाव. जिला अस्पताल परिसर गंदे जानवरों का डेरा बन गया है। जहां दिनभर गंदे जानवर सूअर में उछल कूद मचाते हैं। मौका मिल जाए तो तीमारदारों के सामानों पर भी मुंह मार देते हैं। मरीज व तीमारदारों के लिए मुसीबत है। जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले को देख कर अनदेखा कर देते हैं। सीएमओ से बात करने पर उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने फोन नहीं उठाया। ऐसे में मरीजों व तीमारदारों की समस्याओं का पुरसाहाल नहीं निकल रहा है।
वैश्विक महामारी के बीच और लापरवाही
वैश्विक महामारी कोविड-19, डेंगू, वर्ल्ड फ्लू को देखते हुए शासन ने प्रोटोकॉल के साथ गाइडलाइन जारी की है। गाइड लाइन के अनुसार जिला अस्पताल में साफ सफाई के साथ सैनिटाइज की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए। जिलाधिकारी रवींंद्र कुमार ने इस दिशा में अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं। लेकिन जिला अस्पताल पर शासन प्रशासन के निर्देशों का कोई असर नहीं पड़ा। यही कारण है कि जिला अस्पताल के अंदर गंदे जानवरों के साथ अन्य जानवर भी खुलेआम घूमा करते हैं। जिला अस्पताल में तीमारदारों के बैठने के लिए इंतजाम किए गए थे। इन्हीं इंतजामों के बीच गंदा जानवर कि घूमने का वीडियो सामने आया है। तीमारदार मोहम्मद आरिफ ने बताया कि गंदा जानवर तीमारदारों के झोले पर अपना मुंह मार देते है।
सीएमओ ने कहा सीएमएस की जिम्मेदारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बातचीत के दौरान बताया कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जिला अस्पताल की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की होती है। वही इस विषय में बता सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से जब इस विषय में बातचीत करने के लिए संपर्क किया गया तो उनका फोन नहीं उठा
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