विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उद्यमी आवंटन के पश्चात विस्तारण शुल्क से राहत पाने के लिए निर्माण कार्य तो शुरू करते हैं। लेकिन वास्तव में यह दिखाने के लिए होता है। निर्माण कार्य शुरू करने का मुख्य उद्देश्य विस्तारण शुल्क से बचना है। बताया जाता है उद्यमी निर्माण कार्य शुरू करके यह दिखा देते हैं कि फैक्ट्री लगाने का काम प्रगति पर है। लेकिन वास्तव में दुबारा अनुमति ना मांगना पड़े और विसतारण शुल्क न देना, पड़े इसके तहत यह कार्य कराया जाता है। ऐसे 4000 उद्यमियों को यूपीसीडा ने नोटिस भेजकर बताया है कि यदि छह माह के अंदर उन्होंने फैक्ट्री नहीं लगाई तो उनका आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। यूपीसीडा की इस कार्रवाई से उद्यमियों में हड़कंप मचा है।