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उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक पद्धति सिमिलिया सिमिलीबस क्युरेंटूर के सिद्धांत पर आधारित है। जिसमें जब किसी रोगी को लक्षणों से मिलती-जुलती दवाई दी जाती हैं। तो ये रोगी के अंदर रोग के प्रति एंटीबॉडीज डेवलप कर देती है। इसीलिए होम्योपैथी दवाएं रोग के साथ-साथ रोग का भी समूल नाश कर देती हैं।
डॉ. आरती मोहन के अनुसार डॉक्टर आरती मोहन ने बताया कि एक ही होम्योपैथी दवा के द्वारा शरीर के समस्त अंगों का संपूर्ण उपचार किया जा सकता है। बताया कि वे रोगी जो कि पहले से बीपी शुगर या थायराइड जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं। उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोनावायरस संक्रमण होने पर वे तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। सेल्फ मेडिकेशन बिल्कुल भी ना करें।