सौ नंबर पर दी गई घटना की जानकारी
यात्रियों ने 100 नंबर पर घटना की जानकारी दी। लेकिन आधा घंटा तक डिब्बे में पथराव होता रहा, मौके पर कोई भी नहीं पहुंचा। इस बीच थानाध्यक्ष जीआरपी उन्नाव रेलवे स्टेशन को भी घटना की जानकारी यात्रियों ने दी। मौके पर पहुंचे जीआरपी सिपाही के आने के बाद भी भयभीत यात्रियों ने डिब्बे को नहीं खोला। उनका कहना था कि हमें विश्वास नहीं है कि बाहर पुलिस है या फिर अराजक तत्व। रात 12:00 बजे हुई इस घटना के बाद यात्रियों में दहशत था।
पकड़े गए आकाश के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई
उन्नाव जंक्शन रेलवे स्टेशन पर गाड़ी पहुंचते थानाध्यक्ष के नेतृत्व में जीआरपी ने मौके पर पहुंचकर फर्जी टिकट चेकर को अपने कब्जे में लिया। थानाध्यक्ष जीआरपी ने बताया कि पकड़े गए आकाश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। परंतु घटना के बाद सुरक्षित यात्रा पर एक बार फिर सवालिया निशान लगता है। तकिया रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर की भी तैनाती है। इसके अतिरिक्त जीआरपी के जवान भी ट्रेन में मौजूद थे। इसके बाद भी पथराव और हंगामे के बाद भी मौके पर क्यों नहीं पहुंचे। यह जांच का विषय है। तकिया स्टेशन पर मौजूद प्रत्येक रेलवे कर्मचारी संदेह के घेरे में है। रात के 12:00 बजे ट्रेन पर हो रही पथराव की घटना के बाद भी रेलवे स्टाफ ने मामले की गंभीरता को क्यों नहीं समझा।